भोपाल। विधायक विश्वास सारंग ने मध्यप्रदेश में चल रहे एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। रायसेन को बतौर नजीर पेश करते हुए श्री सारंग ने खुलासा किया है कि 99 में से 51 लाइसेंस फर्जी पतों पर लिए गए हैं। यह सरकारी जांच में प्रमाणित भी हो चुका है। सवाल यह है कि जब एक जिले में इतना तो पूरे प्रदेश में कितना झोलझाल होगा।
विश्वास सारंग के एक अतारांकित प्रश्न के उत्तर में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री डा नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि रायसेन जिले में औषधि निरीक्षक द्वारा 1 जनवरी 2014 से 31 जनवरी 2014 तक दवार्इयों की 99 थोक दुकानों का निरीक्षण कर लिया गया है।
उन्होंने परिशिष्ट के माध्यम से बताया कि 99 में से 51 दुकानों का दिये गये पते पर कोर्इ साइन बोर्ड नहीं है और दुकान की शटर बंद पायी गयी। उन्होेंने कहा कि ऐसी कोर्इ थोक दवार्इ की दुकान निरीक्षण के दौरान प्रकाश में नहीं आयी जो लायसेंस के पते पर स्थित नहीं है।
श्री मिश्रा ने विधायक सारंग को बताया कि 51 बंद पार्इ गर्इ इन दुकानों की सूचना प्रतिवेदन के माध्यम से अनुज्ञापन प्राधिकारी रायसेन को दी गर्इ, जिस पर उक्त प्राधिकारी द्वारा 28 थोक दवार्इ की दुकानों की अनुज्ञपितयां, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली 1945 के नियम 66 के अंतर्गत निरस्त की गर्इ हैं शेष 23 दुकानों कारण बताओ सूचना जारी किये गये हैं।
बाद में पत्रकारों से चर्चा में श्री सारंग ने बताया कि उक्त सभी लायसेंस फर्जी पते देकर बनवाये गये थे। इसलिए दिये गये पते पर उन दुकानों का कोर्इ असितत्व वर्तमान औषधि निरीक्षक को नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि वे लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को पत्र फर्जी पते पर लायसेंस बनाने वाले औषधि निरीक्षक पर कार्यवाही करने और फर्जी पते पर लायसेंस बनवाने वालों के खिलाफ 420 की कार्रवार्इ करने के लिए पत्र लिखेंगे।