मध्यप्रदेश के 10 लाख कर्मचारियों ने किया किसानों को 300 करोड़ की मदद का एलान

भोपाल। मध्यप्रदेश के सभी शासकीय कर्मचारी-अधिकारी संगठनों ने प्रदेश शासन द्वारा स्वीकृत महँगाई भत्ते का दो माह का पूरा एरियर प्रदेश के ओला पीड़ित किसानों के लिये मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने का निर्णय लिया है।
इस निर्णय में मान्यता प्राप्त, गैर मान्यता प्राप्त संगठन, निगम-मण्डलों के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। संविदा कर्मचारियों ने भी अपना एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है। इन सभी वर्ग को मिलाकर कोई 10 लाख अधिकारी-कर्मचारियों का यह महँगाई भत्ता लगभग 300 करोड़ रुपये होता है।

सभी संगठनों ने आज मुख्यमंत्री निवास आकर श्री शिवराज सिंह चौहान को इस संबंध में सहमति-पत्र दिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अधिकारी-कर्मचारियों का यह निर्णय किसानों को संदेश देगा कि वे अकेले नहीं हैं। पूरा प्रदेश उनके साथ है। उन्होंने कहा कि बात पैसे रुपये की नहीं, भावना की है। अधिकारी-कर्मचारी, जनता सब मिलकर मध्यप्रदेश की टीम हैं। श्री चौहान ने कहा कि इस आपदा को देखते हुये सुझाव दिये जा रहे थे कि महँगाई भत्ता नहीं दिया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों का पेट काट कर कोई कार्य किया जाय ऐसी कभी मंशा नहीं रही। प्रदेश में केन्द्र के समान महँगाई भत्ता देने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि मैं संगठनों के निर्णय से गदगद हूँ। मुझे अपने अधिकारी - कर्मचारियों पर गर्व है।

सहमति-पत्र देने वाले संगठनों के पदाधिकारियों में श्री सुल्तान सिंह शेखावत, श्री अरूण द्विवेदी, श्री बी.आर. विश्वकर्मा, श्री अमरसिंह परमार, श्री एल.एन. कैलाशिया, डॉ. आर.के.चौरसिया, श्री जितेन्द्र सिंह, श्री देवीप्रसाद शर्मा, श्री रमेश चन्द्र शर्मा, श्री निहाल सिंह, श्री एम.पी.द्विवेदी, श्री रवि बरोलिया, श्री रमेश राठौर, श्री विजय रघुवंशी, श्री आर.के.तिवारी, श्री अजय श्रीवास्तव, श्री प्रदीप सिंह, श्री शिवपालसिंह, श्री राजेश तोमर आदि शामिल हैं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!