अनिल माधव दवे। भोपाल एवं इंदौर में भविष्य में जन यातायात की आवश्यकता होगी। अभी इसके संबंध में मेट्रो रेल का विचार हो रहा है।
मैं देश एवं प्रदेश के सभी योजनाकारों व नीति निर्देशकों से निवेदन करता हूं कि मेट्रो रेल अत्यंत खर्चीली, चलाने में भी महंगी व सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत नाजुक है। इसके स्थान पर मोनो रेल का विचार करना चाहिए।
गत वर्ष मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में रेलवे अधिकारियों की बैठक में भी यही सुझाव मेरी ओर से रखा गया था।
जन यातायात हेतु जमीन से औसतन 20 फीट उपर चलने वाली यह रेल निर्माण में मेट्रो से सस्ती है। उसका रख रखाव व परिचालन व्यय भी कम है। आज जहां दिल्ली हवाई अड्डे टी-3 से कनाॅटप्लेंस शिवाजी नगर का किराया 120 रू. प्रति व्यक्ति है, जबकि उतनी ही यात्रा मोनो रेल में 15 से 20 रू. में की जा सकती है।
दुर्घटना या आतंकवादी हमला होने पर मेट्रो में बचाव कार्य अत्यंत कठिन हो जाता है, जबकि मोनो रेल में सहायता चारों ओर से की जा सकती है। दुर्घटनाएं तो उच्चकोटी की संचालन व्यवस्था से संभाली जा सकती है किंतु आतंकवाद किस रूप में कब व कहां आयेगा यह कहा नहीं जा सकता। विश्व व भारत को अभी लंबे समय तक इससे लडना होगा।
अतः यह आवश्यक है कि इस प्रकार के हमलों का संपूर्ण विचार कर सभी ढांचागत संरचनाएं बनायी जाए। भारत जैसे देष में अत्यंत सुगम, सस्ती व आतंकवाद से कम से कम नुकसान पहंुचाने वाली व्यवस्थाओं पर विचार होना चाहिए न कि विदेश या देश के अन्य शहरों को देखा देखी कर इसे बनाया जाए।
लेखक श्री अनिल माधव दवे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद हैं।