भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन फॉर्म दाखिल करते वक्त दिए जाने वाले शपथ पत्र में उम्मीदवारों को इस बार ये भी बताना होगा कि सोशल नेटवर्किग साइट्स (फेसबुक, ट्विटर आदि) पर उनके कितने अकाउंट हैं।
अपने ईमेल आईडी के साथ सभी नेटवर्किग साइट्स का अकाउंट बताना होगा। यदि कोई कंटेंट यू-ट्यूब पर अपलोड कर रहे हैं तो इसके लिए भी अनुमति लेनी होगी।
ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि भारत निर्वाचन आयोग इस बात पर नजर रख सके कि उम्मीदवार कहीं ऑनलाइन संवाद में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं। उल्लंघन हुआ तो आयोग उम्मीदवार पर कार्रवाई करेगा। आयोग ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी कर सभी कलेक्टरों को भेज दी है। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने बताया कि सोशल नेटवर्किग साइट्स पर यदि कोई उम्मीदवार अपना प्रचार करना चाहे तो उसे तीन दिन पहले मीडिया मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग कमेटी से इसे वेरिफाय कराना होगा।
उसका खर्च भी उम्मीदवार के चुनावी खर्च में शामिल किया जाएगा। यदि किसी उम्मीदवार ने आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की तो उसके खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला बनेगा। साथ ही सोशल साइट पर पोस्ट की गई सामग्री का खर्च उस उम्मीदवार के खाते में शामिल किया जाएगा। हालांकि, अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि इसके खर्च का निर्धारण कैसे होगा। ये काम निर्वाचन आयोग करेगा।
थर्ड पार्टी की पोस्ट खर्च में शामिल नहीं : यदि किसी प्रत्याशी के पक्ष में उसका कोई समर्थक सोशल साइट पर कोई पोस्ट करता है तो फिलहाल ये उम्मीदवार के चुनाव खर्च में शामिल नहीं होगा। आने वाले दिनों में इस पर भी आयोग निर्णय लेगा। एमसीएम कमेटी उम्मीदवार की फ्रेंड लिस्ट व उसके फॉलोअर पर भी नजर रखेगी।
श्री वरवड़े ने बताया कि एक से आठ नवंबर तक चलने वाली नामांकन दाखिले की प्रक्रिया के लिए रिटर्निग ऑफिसर तय कर दिए गए हैं। सभी प्रत्याशी अपनी विधानसभा क्षेत्र के एसडीएम दफ्तर में नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। कि यहां के प्रत्याशी कलेक्टोरेट परिसर में एडीएम साउथ व नार्थ के यहां नामांकन दाखिल करेंगे।
107 केंद्रों पर कैमरों से रहेगी नजर
वल्ररेबिल श्रेणी के 107 केंद्रों पर कैमरों की नजर रहेगी। कलेक्टर ने बताया कि इन केंद्रों पर वेबकॉस्टिंग की जाएगी। इसकी सीधी निगरानी कलेक्टर कार्यालय में बने इलेक्शन कंट्रोल रूम से की जाएगी। इन मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के भी अतिरिक्त प्रबंध किए जाएंगे।