BNS 207 IPC 173 - आदेश, समन, सूचना को फाड़ना या हटाना कब अपराध होता है जानिए

Bhopal Samachar
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जब किसी व्यक्ति को पुलिस विभाग, राजस्व विभाग या न्यायालय द्वारा हाजिर होने के लिए नोटिस या समन या आदेश निकाला जाता है। तब वह व्यक्ति इनसे बचने के लिए स्वयं को कहीं छुपा लेता है या फरार हो जाता है तब वह व्यक्ति BNS की धारा 206 के अंतर्गत दोषी होगा, लेकिन ऐसे आदेश या नोटिस को या किसी किसी उद्दघोषणा को विभाग या न्यायालय किसी सार्वजनिक स्थान या सूचना बोर्ड पर लगा देता है और कोई व्यक्ति उसे हटा देता है या फाड देता है तब उसके खिलाफ क्या कार्यवाही होगी जानिए।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 207 एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 173 की परिभाषा

किसी लोक सेवक या न्यायालय द्वारा जारी किए गए किसी आदेश, नोटिस, सूचना, समन या कोई उद्दघोषणा जो फरारी या नीलामी के संबंध में जारी की गई है उसे सार्वजनिक स्थान से या सूचना बोर्ड से कोई व्यक्ति हटाएगा या जायेगा या फाडेगा तब वह व्यक्ति BNS की धारा 207 एवं IPC की धारा 173 के अन्तर्गत दोषी होगा।

Bharatiya Nyaya Sanhita Section 207 or Indian Penal Code Section 173 Provision of punishment

यह अपराध,आसंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध के खिलाफ डारेक्ट एफआईआर दर्ज नहीं होगी, इस अपराध के लिए कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद (शिकायत)  दर्ज करवा होगा I इस अपराध की सुनवाई कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है I  सजा - इस अपराध के लिए सजा दो भागों में दी जाती है।

1.  राजस्व अधिकारी, पुलिस अधिकारी के द्वारा जारी समन, आदेश, सूचना, उद्दघोषणा को हटाने या नष्ट करने पर, एक माह की सदा कारावास या  पांच सौ रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
2.  न्यायालय द्वारा जारी किए गये आदेश, समन, सूचना या उद्दघोषणा को हटाने पर  अधिकतम छ: माह कारावास या एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

नोट:- नए कानून भारतीय न्याय संहिता, 2023 में दण्ड जुर्माना पाँच सौ से बढ़ाकर 5000/- रुपये एवं एक हजार से बढ़ाकर 10000/- रुपये कर दिया गया है। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।

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