
जबकि राज्य स्कूल शिक्षा सेवा में स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति के लिये हाई स्कूल प्राचार्य के पद सृजित किये गये हैं। यहां भेदभाव साफ उजागर हो रहा है क्योंकि अध्यापक स्थानीय निकाय के कर्मचारी हैं स्कूल शिक्षा और ट्रायवल के नहीं। इसलिए सभी के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिये। ट्रायवल के स्कूलों मेें कार्यरत अध्यापक इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि ट्रायवल के गजट में 7वां वेतनमान दिये जाने का उल्लेख नहीं है जबकि स्कूल शिक्षा विभाग के गजट में जुलाई 2018 से 7वंा वेतनमान दिये जाने का स्पष्ट उल्लेख है।
इस गजट ने अध्यापकों की मुसीबत और बढ़ा दी है जबकि अध्यापक क्रमोन्नति की गणना के लिये सेवाअवधि और संविलियन के स्थान पर नियुक्ति जैसें शब्दों को लेकर पहले से ही चिंतित हैं। अध्यापकों की चिंता इसलिये और बढ़ जाती है कि पूर्व की सेवा का लाभ कितना मिलेगा नियम में उल्लेखित किये बिना इस सेवा में आने का वचनपत्र भरवाया जा रहा है जो कि नियम और सिद्वांत के विरूद्व है। राज्य अध्यापक संघ ने आरोप लगाया है कि विभाग में नियुक्ति की इस प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से बेहद जटिल बनाया गया है जिसको पूरा होना में एक साल का समय लग सकता है।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com