25 लाख CALL CENTER कर्मचारियों की नौकरी खतरे में | EMPLOYEE NEWS

नई दिल्ली। भारत के विभिन्न शहरों में रजिस्टर्ड कॉल सेंटर्स में अब तक 25 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं। अन रजिस्टर्ड कॉल सेंटर्स के कर्मचारियों को जोड़ दिया जाए तो यह संख्या शायद 1 करोड़ तक पहुंच जाएगी। लेकिन अब इन सभी कर्मचारियों की नौकरी खतरे में हैं। क्योंकि अब एक ऐसी तकनीक विकसित की जा रही है जिससे कॉल सेंटर भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से काम करने लगेंगे। इनमें कर्मचारियों की जरूरत ना के बराबर हो जाएगी। सिस्को एवं जेनेसिस जैसी कंपनियों ने इसकी मांग की है और गूगल के इंजीनियर्स एक ऐसा साफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं जो ना केवल ग्राहक से बात करेगा बल्कि उसके सवाल को समझेगा और उचित जवाब भी देगा। 

गूगल के इस नए सॉफ्टवेयर का नाम 'कांटैक्‍ट सेंटर एआई' रखा गया है, जो कॉल सेंटर्स में वर्चुअल एजेंट्स को स्थापित करेगा। यही एजेंट्स कॉल सेंटर में ग्राहकों के कॉल्स का उत्तर देगा और शुरुआती बातचीत करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गूगल के मुख्य रिसर्चर फेई-लेई ली ने क्लाउड नेक्स्ट कांफ्रेंस के दौरान इस बात की जानकारी दी और कहा कि अगर ग्राहक कुछ ऐसा पूछता है जो एआई नहीं बता पाता है तो वह स्वचालित रूप से किसी मनुष्य को कॉल फॉरवर्ड कर देगा। सबसे मजेदार बात यह है कि इसमें ग्राहक को 1 दबाएं 9 दबाएं नहीं करना होगा। उसे पता ही नहीं चलेगा कि वो किसी रोबोट से बात कर रहा है। उसे लगेगा कि वो एक इंसान से बात कर रहा है। उसके सवाल का जवाब इस प्रतिनिधि के पास नहीं है इसलिए कॉल किसी विशेषज्ञ के पास भेजा जा रहा है। 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?
अगर, आपके मन में भी यही सवाल चल रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किसे कहते हैं तो आपको हम बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कि एआई (AI) एक तकनीक है तो मशीन लर्निंग के द्वारा स्मार्ट तरीके से काम कर सकता है। इस तकनीक से मशीनों को इतना सशक्त बनाया जाएगा कि वे स्मार्ट तरीकों से मानव की तरह ही काम कर सकें। इस तकनीक में मशीनों को डाटा पहुंचाया जाएगा और वह खुद काम कर सकेगा।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !