BJP पार्षद के बेटों की प्रताड़ना से तंग कर्मचारी ने सुसाइड कर लिया | CRIME NEWS

भोपाल। राजधानी की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार DILIP BUILDCON के एक कर्मचारी अनमोल शर्मा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। अनमोल माखन नगर जिला होशंगाबाद का रहने वाला था। उसने अपने गांव में ही जहर खाया। उसके पास से सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें युवक ने स्पष्ट रूप स लिखा है कि वह बाबई नगर पंचायत की भाजपा पार्षद सुमन प्रजापति के बेटे राकेश और बद्री प्रजापति द्वारा प्रताड़ित है एवं तंग आकर जहर खा रहा है। लिखा है कि उसने पार्षद के बेटों से उधारी में ईंट खरीदी थीं, जमानत के तौर पर PUNJAB NATIONAL BANK का एक चैक दिया था। पूरे पैसे चुकाने के बाद भी पार्षद के बेटे उसका चैक नहीं लौटा रहे और उसे बर्बाद करने की धमकी दे रहे हैं। 

अनमोल ने गुरुवार रात करीब 2 बजे घर में ही सल्फॉस खाया था। परिजन उन्हें सरकारी अस्पताल ले गए। जहां से होशंगाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती किया था। शुक्रवार को मौत हो गई। अनमोल के पास से 4 पेज का सुसाइड नोट मिला है। इसमें वार्ड 8 की भाजपा पार्षद सुमन प्रजापति के बेटे बद्री प्रजापति व राकेश प्रजापति की प्रताड़ना से तंग आकर जान देने की बात लिखी है। पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर लिया है। 

एसपी अरविंद सक्सेना ने बताया बाबई के आवास काॅलोनी में रहने वाले मिथिलेश शर्मा के बेटे अनमोल शर्मा ने मकान बनाया था। उन्होंने ईंट राकेश और बद्री प्रजापति से ली थी। इसके बदले में पीएनबी का चेक बताया गारंटी दिया था। अनमोल ने दोनों को ईंट के रुपए नकद दे दिए थे लेकिन चेक नहीं लौटा रहे थे।

शव रख प्रदर्शन
अनमोल का शव नसीराबाद चौराहे पर रख परिजनों ने जाम कर दिया। अधिकारियों ने तीन दिन में जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग मानी तब लोग माने।

अनमोल पर 25 हजार रुपए लेने के लिए बनाया था दबाव
बाबई थाना प्रभारी गिरीश खरे ने बताया अनमोल पर बद्री प्रजापति व राकेश प्रजापति ने 25 हजार रुपए लेने के लिए दबाव बनाया था। अनमोल ने यह बयान दिया है। अब मर्ग डायरी आने पर प्रकरण दर्ज किया होगा। अभी परिजनों के बयान नहीं हुए हैं। हालांकि कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है।

सुसाइड नोट के कुछ अंश
अनमोल पिता मिथिलेश, पुलिस और न्यायाधीश के नाम पर पत्र लिखकर गया है। उसने लिखा है कि मैंने राकेश और बद्री को 20 नवंबर 2017 को पूरे रुपए दे दिए हैं। रुपए देने से पहले मैंने उन्हें पंजाब बैंक का एक चेक भी अमानत के रूप में दिया था, लेकिन ये लोग चेक वापस नहीं कर रहे हैं और जबरन पैसों की मांग कर रहे हैं। वे आए दिन मुझे डरा रहे हैं। 3 जनवरी को भी उन्होंने मुझे डराया और धमकाया था। इससे आहत होकर मैं आत्महत्या कर रहा हूं। पिता जी अपना ध्यान रखना और मुझे माफ कर देना।

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