
दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों की जांच अवश्य होनी चाहिए, लेकिन पहले आरोप लगाने वाले आरोप साबित करें। उन्होंने आगे कहा कि समाज में आज हर मुद्दे पर चर्चा और संवाद की आवश्यकता है। समाज के हर नागरिक को अपनी भावनाएं व्यक्त करनी चाहिए।
भाजपा नेताओं का प्रवेश वर्जित है
मध्यभारत प्रांत के संघ चालक सतीश पिंपलीकर, प्रांत सह सरकार्यवाह हेमंत मुक्तिबोध ने इसकी पुष्टि की। पिंपलीकर ने बताया कि भाजपा के प्रतिनिधि कार्यकारी मंडल की बैठक में नहीं शामिल किए गए हैं। आरएसएस ने यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि डेढ़ माह पहले वृंदावन में आरएसएस की बैठक हो चुकी है। बहरहाल, यह पहली बार होगा कि भाजपा व अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधियों को कार्यकारी मंडल में नहीं बुलाया गया है।
आरएसएस के हाईकमान में कौन आएगा
आरएसएस में संघ प्रमुख मोहन भागवत के बाद एक सरकार्यवाह और चार सह सरकार्यवाह के अहम पद होते हैं। इनका कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। वर्ष 2015 में मार्च में हुई प्रतिनिधि सभा में चुनाव के बाद इनकी घोषणा हुई थी। तब सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी और चार सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, सुरेश सोनी, कृष्णगोपाल और वि भागय्या चुने गए। इनका कार्यकाल मार्च 2018 में पूरा हो रहा है। बताया जा रहा है कि जोशी की जगह होसबोले या सोनी ले सकते हैं। यह संघ प्रमुख के बाद दूसरा बड़ा पद है। इधर, अभा प्रचार प्रमुख वैद्य से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कार्यकारी मंडल की बैठक में सह सरकार्यवाह के तीन साल के कार्यकाल का ब्यौरा पेश होगा। इसी आधार पर मार्च 2018 में नागपुर में होने वाली प्रतिनिधि सभा में चुनाव होंगे।