BALAGHAT में हुई गरीबों के चावल की सेंपलिंग

आनंद ताम्रकार/बालाघाट। नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान से कस्टम मिंलिग के माध्यम से बनाये गए चावल का उपर्जान कर जिले के विभिन्न गोदामों में भण्डारित किया गया है। उपार्जित किये गये चावल की गुणवत्ता को लेकर लम्बे अरसे से शिकायतों का दौर चल रहा है। उपार्जित किये गए चावल की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिये गुरूवार और शुक्रवार को नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों का एक जांच दल बालाघाट पहुंचा और भण्डारित चावल के कटंगी, वारासिवनी, बालाघाट, गर्रा, नवेगांव स्थित गोदामों से लगभग 50 सेंपल लिये।

पता चला है कि लिये गये सेंपल में निर्धारित मापदण्ड के विपरित अधिक ब्रोकन मिश्रित चावल पाया गया है। देखना है कि सेंपलिंग की आड में चावल प्रदाय करने वाले मिलर्स और गुणवत्ता परिक्षण करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी या की मिलर्स से नजराना लेकर मामले को रफादफा कर दिया जायेगा। जांच दल में निगम के महाप्रबंधक राजीव निगम, उप महाप्रबंधक जी पी बिलथरिया, क्षेत्रिय प्रबंधक रवि सिंग, एसपी श्रीवास्तव, एस सोंलकी, दीपक ठोसर और जिला प्रबंधक एम एस तोमर भी शामिल थे।

पत्रकारों से चर्चा करते हुये महाप्रबंधक राजीव निगम ने ये कहा की बालाघाट जिला धान उत्पादक जिला जहां बड़ी मात्र में चावल बनाया जाता है व्यापारियों द्वारा प्रदाय किए जाने वाले चावल की गुणवत्ता की जांच करना चुनौतिपूर्ण कार्य है विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि राईस मिलर्स द्वारा प्रदाय किया जाने वाला चावल गुणवत्तापूर्ण हो। 

श्री निगम ने कहा की उनका यह दौरा रूटिन चैकिंग के तहत हुआ है जिन जिलों में चावल लिया जा रहा है वहां भण्डारित चावल के सेंपल लेकर गुणवत्ता की जांच करना उनका उदेश्य है। यह उल्लेखनीय है कि बालाघाट जिले में आपूर्ति निगम द्वारा लिये जा रहे अमानक चावल को लेकर मीडिया के माध्यम से सुर्खियों में आया है।

बालाघाट से अशोकनगर भेजी गई चावल की रैंक रिजेक्ट कर दिया गया तथा राईस मिलर्स को भेजे गये चावल के बदले मानक स्तर का चावल बदलकर देने के निर्देश दिये गये है लेकिन राईस मिलर्स ने अब तक चावल को अपग्रेड कर नही दिया है।

कटंगी के गोदामों में 15 करोड रूपये की लागत का चावल रखे रखे खाने के अयोग्य हो गया है अब उसे नीलामी के जरिये ठिकाने लगाने की कवायद की जा रही है लेकिन निगम के द्वारा चावल प्रदाय करने वाले अधिकारी कर्मचारी और चावल प्रदाय करने वाले राईस मिलर्स के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई ना होना चर्चा का विषय बना हुआ है।

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