42 दिन से छुपे जस्टिस कर्णन को कोयंबटूर पुलिस ने ढूंढ निकाला, गिरफ्तार

नई दिल्ली। कलकत्ता हाईकोर्ट के सजायाफ्ता रिटायर्ड जस्टिस कर्णन को अंतत: ढूढ लिया गया। वो पिछले 42 दिन से किसी अज्ञात स्थान पर छुपे हुए थे। पुलिस उनकी तलाश मेें छापामारी कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हे अवमानना के मामले में 6 माह की सजा सुनाई है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जस्टिस कर्णन के वकील पीटर रमेश ने तमिलनाडु से उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की। बता दें कि 9 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन को तुरंत अरेस्ट करने का आदेश दे दिया था। इसके बाद वह गायब हो गए। 

कई दिन तक पश्चिम बंगाल पुलिस को उनका सुराग नहीं मिला। 11 मई को बंगाल पुलिस के सीनियर अफसरों की टीम जस्टिस कर्णन को गिरफ्तार करने के लिए चेन्नई स्थित उनके घर पहुंची थी, लेकिन कर्णन नहीं मिले। पुलिस ने उनके बेटे से पूछताछ की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जब उन्हें सजा सुनाई थी, उस वक्त कर्णन चेपक (चेन्नई) के स्टेट गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे। आदेश सामने आते ही अचानक गायब हो गए।

क्या है मामला?
जस्टिस कर्णन ने इसी साल 23 जनवरी को पीएम को लेटर लिखकर 20 जजों पर करप्शन का आरोप लगाया था। इनमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और मद्रास हाईकोर्ट के मौजूदा जज शामिल हैं। जस्टिस कर्णन ने इस मामले की जांच कराने की मांग की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी को जस्टिस कर्णन को नोटिस जारी पूछा था कि क्यों न इसे कोर्ट की अवमानना माना जाए। कोर्ट ने उन्हें मामले की सुनवाई होने तक सभी ज्यूडिशियल और एडमिनिस्ट्रिेटिव फाइलें कलकत्ता हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को लौटाने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन को 13 फरवरी को कोर्ट में पेश होने को कहा था, लेकिन वो हाजिर नहीं हुए। बता दें कि यह पहला केस था जब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के मौजूदा जज को अवमानना का नोटिस भेजा था।

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