
कांग्रेस विधायक शैलेंद्र पटेल ने विधानसभा में एक प्रश्न के जरिए जेल मंत्री महदेले से शासन के जेल निरीक्षण को लेकर बनाए गए नियमों, उनके पालन और भोपाल की केंद्रीय जेल के निरीक्षण का ब्यौरा मांगा। इस पर जेल मंत्री ने कहा कि जेलों का नियमित निरीक्षण किया जाता है, जहां तक भोपाल जेल का सवाल है तो उन्होंने स्वयं सात दिसंबर को जेल का निरीक्षण किया था।
पटेल ने आरोप लगाया, “31 अक्टूबर को भोपाल की जेल से सिमी के आठ विधाराधीन कैदियों के भागने की घटना से पहले के दो वर्ष की अवधि में जेल का किसी अधिकारी ने निरीक्षण ही नहीं किया, इतना ही नहीं राज्य की सभी जेलों का यही हाल है। कोई भी अधिकारी जेलों का निरीक्षण नहीं करता है और जेल समितियां तक नहीं बनी हैं।”
इन सभी आरोपों को मंत्री कुसुम महदेले ने सिरे से खारिज कर दिया। इस पर पटेल का कहना था कि जहां तक जेल मंत्री के भोपाल जेल के निरीक्षण का सवाल है, तो उन्होंने इस घटना के बाद जेल का निरीक्षण किया था, घटना के पहले नहीं।
मंत्री के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी सवाल उठाया और कहा कि मंत्री का जवाब संतोषजनक नहीं है, लिहाजा विपक्ष सदन से बहिर्गमन करता है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा ने जेल मंत्री को निर्देश दिया कि वे अधिकारियों के नियमित निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
गौरतलब है कि 30-31 अक्टूबर (दीपावली की रात) की दरमियानी रात सिमी के आठ विचाराधीन कैदी एक सुरक्षाकर्मी की हत्या कर फरार हो गए थे, बाद में सभी आठों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। एक न्यायिक जांच आयोग इस मामले की जांच कर रही है।