मोदीजी, क्यों आप जनता को परेशान करने में तुल गए है: शंकराचार्य

नईदिल्ली। ज्योतिष एवं द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी ने कहा कि शासन का कार्य जनता को अभयदान देकर उनके संकटो से मुक्त कराना है। प्रधानमंत्री मोदी बेईमानो को नही बक्शा जायेगा कहकर सभी को भयभीत कर रहे है। शासन की वर्तमान प्रणाली में ऐसा कोई वर्ग नही जो ईमानदारी से अपना जीवन निर्वहन कर सके। वर्तमान में निर्वाचन हो रहे है सभी में रूपयों की अहम भूमिका है निर्वाचन आयोग ने खर्च की जो सीमा तय की है वही सिर्फ कागजों में ही दिखाई देती है, ग्राम के सरपंच चुनाव में भी कई लाख रूपय भी खर्च करने पड़ते हैं। विगत निर्वाचन के समय मोदी के विरूद्ध ना कोई अखबार और ना ही इलेक्ट्रानिक मीडिया ने कुछ बोला। क्या यह सब बिना पैसे के हो रहा था, इसलिए आज वही ईमानदार है जो पकडा नही गया है।

देश में नोटबंदी के पचास दिन पूरे होने पर ज्योतिष एवं द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी ने जिला नरसिंहपुर परमहंसी गंगा में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ईमान की होली तो तभी जल गई जबकि एक हजार और पांच सौ के नोट को मोदी जी ने कहा कि यह रुपए आधी रात के बाद कागज के टुकडे हो जायेंगे जिसमें यह लिखा था कि एक हजार या पांच सौ रूपय देने हम वचनबद्ध है। 

अभी अध्यादेश निकाला है कि जिसके पास एक हजार और पांच सौ के पुराने नोट पाये जायेंगे उसे चार साल की कैद दी जायेगी। क्या कागज के टुकडे रखने पर कैद होती है। शब्द का उच्चारण सोच समझकर होना चाहिए किसी भी कर्म का औचित्य या अनौचित्य उसके परिणाम से ज्ञात होता है। 

नोटबंदी के चार प्रमुख कारण बताये गये थे आतंकवाद कमजोर होगा, काला धन खत्म होगा, भ्रष्ट्राचार कम होगा तथा प्रचलन में जो जाली मुद्रा है उसकी सफाई होगी किंतु नोटबंदी के बाद भी चारों में से एक का भी समाधान नोटबंदी से नही हुआ बल्कि समस्या अधिक बन गई है। नोटबंदी के बाद जिस तरह नियमों में परिवर्तन किये गए उससे वर्तमान मुद्रा की प्रमाणिकता भी संदिग्ध हो गई है। अब इस विफलता को दूर करने के लिए यदि कैशलेस व्यवस्था लाई गई तों व्यक्ति की आर्थिक स्वत्रंतता सर्वथा ही समाप्त हो जायेगी। 

ज्योतिष एवं द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी ने कहा कि जनता अपनी गाढे पसीने की कमाई को सुरक्षित रखने बैंको का उपयोग करती है जबकि मोदी मनमाने ढंग से मुद्रा जमा करवा रहे है। किसी भी लोकतंत्र की पहली शर्त है कि जनता नापसंद सरकार को हटाने में सक्षम हो। जनता की यही क्षमता छीनकर मोदी सबको बेईमान बताकर जनता का क्रूर उपहास कर रहे है क्योंकि उनकी सत्ता परिवर्तन की आर्थिक शक्ति छीन चुकी है जिन इलेक्ट्रानिक उपकरणों से अर्थव्यवहार किया जायेगा वे इतने दोषपूर्ण है कि छोटी सी गलती भी पैसे को कहीं भी ट्रांस्फर कर देगी। आपके पासवर्ड लीक होने से भी समस्या हो जायेगी गोपनीयता नही रह पायेगी। 

कैशलेस व्यवस्था में अनेक समस्याएं है नोटबंदी के विषय पर लोकसभा राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट से भी जनता को कोई मद्द नही मिली है जनता बेसहारा जैसा अनुभव कर रही है। छोटे और मध्यम व्यापारी, किसान, सर्वहारा सभी हलाकान है। 

ज्योतिष एवं द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी विपक्षी पार्टीयो पर तंज कसते हुए यह कह दिया कि ये लोग पाकिस्तान जैसे है किंतु विपक्ष उतना मुर्ख भी नही है जितना बताया जा रहा है। पूरी की पूरी भारतीय जनता पार्टी मोदी की अंधभक्त हो गई है और अपनी वैचारिक स्वतंत्रता खो चुकी है। इसे जानते हुए विपक्ष का आग्रह था कि लोकसभा में नरेन्द्र मोदी से बहस हो किंतु संसद में मोदी द्वारा दिये गए निर्णय पर उनके अंधभक्त ताल ठोकते रह गए नरेन्द्र मोदी उपलब्ध नही हो पाए। 

विपक्ष इसका सार्थक परिणाम चाहता था शासकदल केवल बहस का कोरम पुरा कर रहा था इससे विपक्ष कि मूल भावना को अभिव्यक्ति नही मिल पाई। लोकसभा चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष की भी है किंतु उससे ज्यादा सत्तादल की है। आज बेनामी संपत्ति के अधिग्रहण के नाम पर लोगो का ध्यान खिंचा जा रहा है मोदी जी मुद्दे से लोगो का ध्यान खिंचने की राजनीति में कुशल है। यदि बेनामी संपत्ति पकडी गई तो किसके नाम पर कि जायेगी यह तो बंदरबाट है। इसी तरह मोदी जी कर रहे है यही चलता रहा तो जनता लोकतंत्र और प्रधानमंत्री को भूलकर विद्रोह में उतर जायेगी। 

ज्योतिष एवं द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी ने कहा कि जहां तक कृषकों का संबंध है अधिकाशं ने सीलिंग से बचने के लिए अपनी संपत्ति विभिन्न लोगो के नाम करा ली है। कृषक कृषि कार्य का निशुल्क मैनेजमेंट करता है। यदि कृषि आमदनी से वह मैनेजमेंट खर्च निकाल ले तो बडे किसान भी घाटे में चले जायेंगे। आप यदि किसानों से छेडछाड करोगे तो वह कृषि कार्य छोड देगा। फिर किसी और से कृषि कार्य कराना पडेगा और किसानो को नौकरी देनी पडेगी। आप जिस तरह से रूपयो को बैंको के माध्यम से स्वयात कर लिया है क्या उसी तरह अब जमीन का भी अधिग्रहण करना है। क्यों आप प्रत्यक्ष जनता को परेशान करने में तुल गए है। एक बहुमत सिद्ध कर लेने पर आप सर्वकालिन प्रधानमंत्री नही बन गए है।

घोषणापत्र में आपके मुद्दे को पूरा करने के लिए पांच वर्ष के लिए आपको निर्वाचित जनता कि है। उनकी पूर्ति ना करते हुए आप जनता का ध्यान अन्य चीजों पर भटकाते है। अनर्गल कुछ भी करते है तो आप लोकतंत्र के प्रति ईमानदार नही कहला सकते। यह भी यह भ्रष्ट्राचार है चौकीदार घर से बाहर रहते हुए घर की सुरक्षा करता है लेकिन आप तो घर में घुसकर मालिक को बेदखल करने का कार्य कर रहे है। लोकतंत्र पर आज खतरे का बादल मंडरा रहा है। जिस तरह रूलिंग पार्टी विपक्ष को पाकिस्तान जैसा शत्रु कह रही है इसका मतलब वे विपक्ष नाम कि चीज को बर्दाश्त नही कर रही है। सत्तारूढ पार्टी असहिष्णुता अब चिंता का विषय है। 

राजेष जोषी  
मीडिया प्रभारी 
पुज्य शंकराचार्य ज्योतिष एवं द्वारका षारदापीठ

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!