मप्र के खेतों को लीज पर लेना चाहते हैं कार्पोरेट घराने

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इंदौर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खेती को फायदे का धंधा बनाने की बात करते थे। करोड़पति कारोबारियों ने इस लाइन के नए अर्थ निकाले हैं। वो चाहते हैं कि मप्र के किसानों से उनके खेत लंबे समय के लिए लीज पर ले लिए जाएं। इसमें बीज से लेकर बिक्री तक का काम कारोबारी करेंगे। बदले में किसान को खेत का किराया नहीं देंगे, बल्कि फायदा हुआ तो किसान को भी एक हिस्सा दे देंगे। एक तरफ करोड़पति कारोबारियों के उच्च शिक्षित सीए दूसरी तरफ अनपढ़ किसान। लागत, भाव, बिक्री, खर्चेे, ह्रासमेंट सब काटपीट के कितना शुद्ध लाभ आया कैसे पता चल पाएगा। 

औद्योगिक घरानों के प्रस्ताव के अनुसार लीज अवधि में खेती से मार्केटिंग तक का अधिकार निवेशक के पास और जमीन का मालिकाना हक किसान के पास रहे। दोनों के बीच एक करार होगा जिसमें किसान को फायदे में भागीदार बनाया जाएगा। उद्योगपतियों के अनुसार यह मॉडल पंजाब में लागू है।

इंदौर में शुक्रवार की रात सीईओ कॉन्क्लेव में शामिल होने आए उद्योगपतियों ने यह भी कहा कि सरकार उनके इस प्रस्ताव से सहमत हो जाए तो किसानों की आमदनी पांच साल में दोगुनी से भी ज्यादा हो सकती है। इसकी वजह यह है कि बड़े घराने अत्याधुनिक तौर-तरीकों से खेती करेंगे और एक्सपोर्ट भी कर सकेंगे। इसमें किसानों को न तो कर्ज लेना पड़ेगा और न ही प्रकृति की मार झेलना पड़ेगी।

टेलीकॉम ग्रुप भारती इंटरप्राइजेस के वाइस चेअरमैन राकेश भारती मित्तल ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुना करने का जो लक्ष्य रखा है उसे पूरा करने के लिए कृषि क्षेत्र के दरवाजे प्रायवेट सेक्टर के लिए खोलने की जरूरत है। इस कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार को निजी क्षेत्र की जमीन लंबे समय पर लीज पर देने की योजना बनाना चाहिए। जहां प्राइवेट सेक्टर और कॉर्पोरेट और बड़े-छोटे किसान आपस में समझौता कर 100 से 200 एकड़ जमीन पर मॉडल फॉर्म बना सकते हैं। इसमें फार्मिंग तकनीक उपयोग कर आप ज्यादा उत्पादकता ले सकते हैं।

ये बताए गए हैं फायदे 
देश में किसानों के पास औसत जमीन सिर्फ 1 हेक्टेयर है, इससे छोटे किसानों को ज्यादा फायदा होगा। 
धान और गेहूं की फसल के अलावा भी कम समय की फसलें पैदा कर सकते हैं। 
कोल्ड चेन के अभाव में बिचौलिए अभी किसानों का शोषण करते हैं, इससे छुटकारा मिलेगा। 
किसानों को सीधे रिटेलर्स, फूड प्रोसेसिंग कंपनी को बेचने की इजाजत मिलेगी। 
जमीन पर अच्छे बीज और ड्रीप इरिगेशन के जरिए उत्पादकता के साथ आय भी बढ़ेगी।
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