10 तरह की घूसखोरी में जकड़ी है मप्र पुलिस, डीजीपी ने बनाया सिस्टम

भोपाल। मप्र के डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने मप्र पुलिस में व्याप्त घूसखोरी को वर्गीकृत कर लिया है। उन्होंने 10 तरह के मामले निकाले हैं जिनमें पुलिस सबसे ज्यादा और नियमित रूप से घूसखोरी करती है। घूसखोरी पूरी तरह से बंद करने के लिए एक सिस्टम डिजाइन कर लिया गया है। साथ ही तय किया गया है कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी की शिकायतों का निर्धारित समय में निराकरण किया जाएगा। कुल मिलाकर मप्र पुलिस में घूसखोरी अब एक गंभीर मामला कहलाएगा। 

डीजीपी की कार्ययोजना को गृह विभाग से ग्रीन सिग्नल मिल गया है। अब प्रदेश में इस कार्ययोजना को रोकने के लिए प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक होगी। डीजीपी की बैठक में सभी एडीजी, आईजी, डीआईजी और एसपी को कार्ययोजना से अवगत कराया जाएगा। ये कार्ययोजना एक सिस्टम के तहत चलेगी, जिसमें पुलिस के भ्रष्टाचार की शिकायत पर निर्धारित समय पर कार्रवाई का प्रावधान है और इस सिस्टम के तहत पुलिस को उन मामलों से दूर रखा जाएगा, जिनसे भ्रष्टाचार फैलता है। ये सिस्टम थाना स्तर पर काम करेगा। पीएचक्यू पूरे सिस्टम की मॉनीटिरिंग करेगा। 

पुलिस से जुड़े 10 मामलों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार होता है.
1.आबकारी ठेकेदारों से वसूली
2.सट्टा, जुए में मिली भगत
3.खनन, वन संपदा परिवहन में वसूली
4.शस्त्र लाइसेंस में रिश्वतखोरी
5.ट्रैफिक, टोल नाकों पर वसूली
6.पासपोर्ट वेरीफिकेशन में रिश्वतखोरी
7.नौकरी के वेरीफिकेशन में रिश्वतखोरी
8.पुलिस विवेचना में भ्रष्टाचार
9.एनओसी देने में अवैध वसूली
10. चालान पेश करने में भ्रष्टाचार

पुलिस ने भ्रष्टाचार के 10 मुद्दों को तैयार किया गया है। डीजीपी का मनाना है, यदि इन दस मुद्दों पर नकेल कसी गई, तो पुलिस में होने वाले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है।

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