
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि विदेशी शराब पर रोक लगाने का फैसला जनता के हितों को ध्यान में रख कर लिया गया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 5 अप्रैल को विदेशी शराब पर रोक लगा दी थी।
सोमवार को राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि शराब का सेवन मौलिक अधिकार नहीं है और राज्य के नीति निर्देशक तत्व के अनुसार भी राज्य सरकार का दायित्व है कि वह शराब पर रोक लगाए। कोर्ट ने राज्य सरकार को सजा के बिंदू पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।