
अभी तक यह थी व्यवस्था
5 साल पहले जेयू ने उत्तरपुस्तिकाओं के री-वेल्यूएशन की व्यवस्था समाप्त कर दी थी। जिन छात्रों को मूल्यांकन में गड़बड़ी रहने, कम अंक मिलने की शिकायत रहती थी, उन्हें कॉपी दिखाने का नियम बना दिया था। इसके लिए छात्रों को 250 रुपए जमा करना पड़ते हैं। कॉपी देखने के बाद छात्र को लगता है कि कुछ प्रश्न चेक नहीं हुए हैं या उन्हें कम अंक दिए गए हैं तो उन्हें एक फॉर्मेट भरना होता है। इसमें वे यह आपत्ति लिख देते हैं। इसके बाद कॉपी दूसरे शिक्षक(मूल्यांकनकर्ता) से चेक कराई जाती है।
अब यह रहेगी प्रक्रिया
कम अंक मिलने की आशंका पर छात्र को सूचना का अधिकार कानून के तहत 10 रुपए का स्टांप लगाकर कॉपी देखने के लिए आवेदन करना होगा। इसके बाद जेयू प्रशासन उसे कॉपी दिखाएगा। छात्र यदि कॉपी की फोटो कॉपी चाहता है तो प्रति पेज उसे 2 रुपए जमा करना होंगे। छात्र को लगता है कि मूल्यांकन सही नहीं हुआ है तो वह जेयू के फॉर्मेट में यह आपत्ति लिखकर दे सकता है।
इसलिए मिलेगी राहत
छात्र कॉपी देखने के बाद आपत्ति दर्ज कराते हैं। कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन के बाद ज्यादातर छात्रों का रिजल्ट नो चेंज बता दिया जाता है। अब फोटो कॉपी देने से छात्र अदालत में भी क्लेम कर सकते हैं। उत्तर पुस्तिका की फोटो कॉपी के लिए छात्रों को सूचना का अधिकार कानून के तहत आवेदन करना होगा। उनसे प्रति पेज 2 रुपए लिए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के पालन में हमने कुलपति से इसका अनुमोदन ले लिया है।
प्रदीप शर्मा, आरटीआई कॉर्डिनेटर