जबलपुर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर जिस तरह अयोग्य कर्मचारियों को प्रमोट कर मलाई वाली पोस्टिंग का आरोप लगा है, ठीक उसी तरह का एक मामला जन संसाधन विभाग में भी उजागर हुआ है। यहां तत्कालीन मंत्री अनूप मिश्रा ने 260 दैनिक वेतन भोगियों को सब इंजीनियर बना दिया। जबकि डिप्लोमा होल्डर्स नियमित कर्मचारी आज भी आफिसों में चाय पिला रहे हैं।
प्रदेश शासन ने वर्ष-2004 में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री अनूप मिश्रा के निर्देश पर 3 बार क्रमशः 98, 91, 71 दैवेभो कर्मचारियों को स्थाई नियुक्ति देकर उपयंत्री बना दिया। अब इस विभाग में स्थिति यह है कि दैवेभो से उपयंत्री बने अधिकारियों के लिए नियमित कर्मचारी चाय-पानी का इंतजाम करते हैं।
अधिकारियों के दबाव में चुप
मप्र हाईकोर्ट ने जल संसाधन विभाग के 236 उपयंत्रियों की नियुक्ति की जांच के आदेश दिए हैं। अब कर्मचारी नेता बताते हैं कि शासन ने जल संसाधन विभाग के सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा करने वाले नियमित कर्मचारियों की अनदेखी कर दैवेभो पर पूरी मेहरबानी की है। जल संसाधन विभाग के छोटे कर्मचारियों को गड़बड़ी की जानकारी होने के बावजूद वह तबादले के डर और अधिकारियों के दबाव में चुप रहे।
236 उपयंत्री पुराने
वर्ष 1980 से पहले पीएससी परीक्षा आयोजित ही नहीं हुई। इसका फायदा उठाकर जल संसाधन विभाग के 236 संविदा कर्मचारियों को उपयंत्री बना दिया गया। मप्र हाईकोर्ट ने इसी मामले की जांच के निर्देश जारी किए हैं, जबकि यह सभी उपयंत्री अब पुराने हो चुके हैं।
दो को पदोन्नति, तीसरा लटका
जल संसाधन विभाग की अनुमति लेकर वर्ष 1995 में सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने वाले करीब 350 नियमित कर्मचारी रहे। इनमें इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल संकाय से डिप्लोमा करने वाले कर्मचारियों को पदोन्नति मिल गई, लेकिन तीसरे संकाय सिविल इंजीनियरिंग के 130 कर्मचारियों को आज भी असिस्टेंट ड्रॉफ्ट मैन, ट्रेसर और कुछ को चतुर्थ श्रेणी का काम कर रहे हैं। जबकि नियमानुसार इन सभी कर्मचारियों को पदोन्नति देना चाहिए।
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प्रदेश के जल संसाधन मंत्री अनूप मिश्रा के निर्देश पर वर्ष 2004 में कुल 260 दैवेभो कर्मचारियों को उपयंत्री बना दिया गया। इस विभाग के 130 नियमित कर्मचारियों को सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा लेने के बाद भी पदोन्नति नहीं दी गई। स्थिति यह है कि डिप्लोमाधारी कर्मचारियों को अपने अधिकारियों के लिए चाय-पानी लाना पड़ता है। यह मामला लेकर न्यायालय में जाने की तैयारी है।
चन्दू जाउलकर
अध्यक्ष नर्मदा घाटी विकास संभाग जबलपुर
मप्र तृतीय श्रेणी शासकीय कर्मचारी संघ जबलपुर