हरदा हादसा: मरम्मत कर रहे कर्मचारियों के खाने में मिलावट, 100 बीमार

विवेक गुप्ता/खिरकिया। रेल दुर्घटना के बाद चल रहे ट्रेक के सुधार कार्य के दौरान गैंगमेनों को खराब खाना दिए जाने की बात सामने आई हैं। इससे रेल्वे कर्मचारियों का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया हैं। इसको लेकर रेल्वे कर्मचारियों ने स्टेशन पर जमकर हंगामा किया। इस दौरान कर्मचारियों को समझाने पहुंची रेल्वे यूनियन की पदाधिकारी गीता पांडे को भी उनके गुस्से का सामना करना पड़ा।

जानकारी के अनुसार कामायनी एक्सप्रेस व जनता एक्सप्रेस के दुघ्रटनाग्रस्त हो जाने के बाद मांदला के पास रेलवे का सुधार कार्य चल रहा हैं। यहां कोटा, जबलपुर, बीना, भोपाल और सवाई माधोपुर के लगभग 600 कर्मचारियों को काम में लगा रखा है, लेकिन उन्हें व्यवस्थित खान-पान नही दिए जाने के कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा हैं। इससे आहत कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है।

गैंगमेनों के जमादार संजय धाकड़ ने बताया कि लगभग सौ कर्मचारियों की तबीयत खराब हुई है। कर्मचारियों को बदतर खाना दिया जा रहा है। इसके अलावा दिन की पाली वाले कर्मचारियों ने भी खराब खाना दिए जाने का खुलकर विरोध किया है। रविवार को दोपहर मेें कार्यस्थल पर कर्मचारियों ने बेस्वाद खाने को फेंक दिया। वहीं रात पाली के लगभग तीन सौ कर्मचारियों ने दिन में रेल्वे प्रबंधन के खिलाफ मोर्च खोल दिया।

कोटा डिवीजन के राहुल यादव और पुष्पेन्द्र कुमार ने कहा कि रातभर काम करने के बाद स्टेशन पर आराम करने के अलावा अन्य मूलभूत सुविधाओं का आभाव बना हुआ है। जिसके चलते कर्मचारियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कर्मचारियों के अनुसार कार्यस्थल पर अधिकारियों व सुपरवाईजर के लिए वीआईपी खाना पहुंचाया जा रहा है,जबकि गैंगमेनों के लिए रोजाना की तरह आलू की सब्जी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि हद तो जब हुई जब कर्मचारियों को बासा खाना दिया गया,जिसे कर्मचारियों ने नकार दिया। अव्यवस्थाओं का विरोध करने वालों में धनश्याम खंगार,दीपक रैकवार,इलियास अहमद और सोहनलाल सहित बड़ी संख्या में रेलवे कर्मचारी शामिल हैं।

शौच गए कर्मचारी का हाथ टूटा
इधर काय्रस्थल पर अस्थाई शौचालय नही होने के कारण यहां काम कर रहे कर्मचारी का हाथ टूट गया है। जानकारी के अनुसार गैंगमेनों के जमादार संजय धाकड़ शनिवार को कार्यस्थल पर खुले में शौच जा रहे थे। तभी मिट्टी पर उनका पैर फिसल गया और वह पत्थर पर जा गिरे। इससे उनके उल्टे हाथ में फ्रेक्चर आ गया है। उन्होंने बताया कि व्यवस्थाओं के अभाव में परेशानी हो रही है। ऐसे में कर्मचारियों को काम करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं।

कार्यस्थल पर भी फेंका खाना
स्टेशन पर दोपहर में खराब खाना दिए जाने के बीच कार्यस्थल पर काम कर रहे कर्मचारियों ने भी व्यवस्थाओं का विरोध किया है। खराब खना दिए जाने पर कर्मचारियों ने भोजन के पैकेट फेंक दिए। उनका कहना था कि गति से चल रहा सुधार कार्य के दौरान कर्मचारियों के साथ ऐसा बर्ताव ठीक नही है,जबकि आला अधिकारी होटलों का व्यवस्थित खाना खा रहे हैं।

आराम करने इधर-उधर पड़े कर्मचारी
गौरतलब है कि छतिग्रस्त रेलवे ट्रेक को सुचारू करने में जुटे सैकड़ों कर्मचारी व्यवस्थाओं को तरस रहे हैं। जमादार संजय धाकड़ ने बताया कि लगभग 600 कर्मचारी काम में जुटे हुए हैं। इन लोगो से तीन शिफटों में काम लिया जा रहा हैं। रात में काम करने वाले लगभग 300 कर्मचारियों को सुबह स्टेशन पर छोड़ा जाता है,यहां कर्मचारियों को स्टेशन के नलों से पेयजल व स्नान करना पड़ रहा हैं। वहीं दिन में आराम करने के लिए भी कोई व्यवस्था नही की गई है। जिसके चलते कर्मचारी स्टेशन पर इधर-उधर समय काट रहे हैं।

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