नईदिल्ली। पहचान लीजिए इस चेहरे को, ये बेरोजगारों को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता है। कानपुर पुलिस को इसकी तलाश है। यहां इसने कई युवाओं को कुवैत में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी की और फरार हो गया। हो सकता है आने वाले दिनों में आपको भी बड़े पैकेज के सपने दिखाए और चूना लगाकर फरार हो जाए।
कानपुर पुलिस के अनुसार यहां एक जॉब कंसल्टेंसी फर्म की शुरूआत की गई, नाम था Bright Future Consultancy चुन्नीगंज के पास एक अपार्टमेंट की पांचवीं मंजिल पर ब्राइट फ्यूचर कंपनी का आफिस है। पटकापुर निवासी मो. आदिल, इमरान अली, आमिर अली व फरहान के अनुसार कंपनी युवकों को कुवैत स्थित एसिको कंस्ट्रक्शन कंपनी में नौकरी लगवाने का आश्वासन देती है। गोरखपुर के मनीष श्रीवास्तव व अशरफ अली उर्फ मुन्ना सहित आधा दर्जन लोग इसमें साझेदार हैं। आरोप है कि कंपनी ने कुवैत भेजने के नाम पर युवकों से उनका पासपोर्ट और प्रति युवक से 75 हजार रुपये जमा कराए थे।
पीड़ितों के मुताबिक उन्होंने पिछले साल दिसंबर में पैसे दिए थे तब कहा गया था कि जल्द नौकरी मिल जाएगी। कंपनी ने उन्हें जेट एयरवेज से पिछले माह 24 फरवरी का कंफर्म टिकट और वीजा भी दिया था। यात्रा पर जाने से चार दिन पूर्व जब पासपोर्ट लेने कंपनी के आफिस पहुंचे तो ताला लटकता मिला। उन्होंने कंपनी के मालिक मनीष श्रीवास्तव व अशरफ अली को उनके मोबाइल नंबरों पर फोन किया लेकिन सारे नंबर बंद थे। बिना पासपोर्ट के वह कुवैत नहीं जा सके।
बुधवार को पटकापुर के रईस, तनवीर अहमद, मो. नूर, राशिद आलम, करीम आदि कंपनी के कार्यालय पहुंचे तो ताला बंद था। इस पर उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि कंपनी ने एक हजार से अधिक बेरोजगारों को नौकरी दिलवाने के नाम पर करोड़ों रुपये ठग लिये। कानपुर के अलावा कंपनी के लोगों ने दूसरे जिलों में भी ठगी की है। काफी देर तक हंगामा करने के बाद युवक जब कर्नलगंज थाने पहुंचे तो पुलिस ने कार्यालय बंद होने की बात कहकर पल्ला झाड़ने का प्रयास किया। जिस पर उन्होंने थाने में भी हंगामा किया। कर्नलगंज एसओ अनिल कुमार ने बताया कंपनी के मनीष श्रीवास्तव व अशरफ अली पर तीन मार्च को ही धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। अन्य युवकों ने भी तहरीर दी है, मामले की जांच की जा रही है।
दूसरे प्रदेशों में भी फैला नेटवर्क
बेरोजगार युवकों को विदेश में लाखों रुपये प्रतिमाह की नौकरी का सब्जबाग दिखा ठगी करने वाले इस गिरोह का नेटवर्क कई प्रांतों में फैला हुआ है। गिरोह के एजेंट दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल में फैले हुए हैं, जो बेरोजगारों को अपना शिकार बनाते हैं। एक जगह पोल खुलने के बाद दूसरे जिलों में चले जाते हैं।