41 जिला पंचायत पर भाजपा का कब्जा, कांग्रेस क्यों हुई दीवानी

भोपाल। भाजपा ने दावा किया है कि उसने मध्यप्रदेश की 41 जिला पंचायतों पर कब्जा कर लिया है। भाजपा ने अपने दावे के समर्थन में पर्याप्त तथ्य भी प्रस्तुत किए हैं परंतु इससे पूर्व कांग्रेस की मीडिया सेंटर से आई खबर में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में सर्वाधिक सीटों पर जीतने का दावा किया था। सवाल यह है कि जब 41 सीट पर भाजपा जीती है तो 7 सीटों पर सिमटी कांग्रेस आखिर दीवानी क्यों हो गई ?

सबसे पहले पढ़िए कांग्रेस का प्रेसरिलीज जो 3:41 PM पर प्राप्त हुआ:-

जिला पंचायत चुनाव में भाजपा की समूची शक्ति नाकाम

अधिकांश स्थानों पर कांगे्रस की विजय पर अरूण यादव द्वारा बधाई

भोपाल 12 मार्च। प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष अरूण यादव ने प्रदेश में आज संपन्न जिला पंचायत के चुनावों में अधिकांश स्थानों पर कांगे्रस की विजय पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा है कि भाजपा ने इन चुनावों को प्रतिष्ठापूर्ण मानते हुए अपनी समूची राजनीतिक शक्ति, सत्ता का दुरूपयोग, नौकरशाहों से कांगे्रस उम्मीदवारों और उनके परिवारों को डराने, धमकाने जैसी नापाक कोशिशों के अलावा एक-एक वोट को 25 लाख रूपयों से लेकर 1 करोड़ रूपयों में खरीदने के प्रमाण कांगे्रस के पास मौजूद हैं, उसके बावजूद भी अधिकांश स्थानों पर भाजपा को शिकस्त का सामना करना पड़ा है।

श्री यादव ने कहा कि जिला पंचायतों के ताजा चुनाव परिणाम इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी के लिए संघर्षपूर्ण होंगे। उन्होंने सभी विजयी उम्मीदवारों और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा है कि इस विषम और चुनौतीपूर्ण दौर में भी उन्होंने अपनी टीम सहित जो विजयीश्री प्राप्त की है, वह उस क्षेत्र के मतदाताओं की भावनाओं, अपेक्षाओं, प्रगति और विकास के रूप में समर्पित होनी चाहिए।

अब पढ़िए भाजपा का प्रेसरिलीज जो 5:36 PM पर प्राप्त हुआ:—

जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने परचम फहराया

भारतीय जनता पार्टी का विजय रथ अनवरत उसी स्फूर्ति के साथ आगे बढ़ रहा है जिस गति से विधानसभा चुनाव में गतिमान हुआ था। बाद में लोकसभा चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव सहकारिता चुनाव और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ने परचम फहराया है। प्रदेश में हुए जिला पंचायतों के निर्वाचन में भारतीय जनता पार्टी ने 41 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर विजय हासिल कर कांग्रेस को मात्र 7 स्थानों के साथ नेपथ्य में पंहुचा दिया है। दो स्थानों पर निर्दलीय को जीत हासिल हुई है। एक स्थान पर चुनाव नहीं हुआ। भारतीय जनता पार्टी के सात जिलों में निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए है। इनमें सागर, मंडला, होशगाबाद, हरदा, बैतूल, भोपाल, रायसेन, देवास और नीमच में भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित घोषित हुए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार श्योपुर, ग्वालियर, दतिया, गुना, अशोकनगर, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, पन्ना, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, जबलपुर, कटनी, डिंडोरी, बालाघाट, सिवनी, नरसिंहपुर, छिंदवाडा, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, इंदौर, खण्डवा, बुरहानपुर, अलीराजपुर, धार, आगर, रतलाम और मंदसौर में संपन्न चुनाव में भाजपा का जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित घोषित हुए। जिला उपाध्यक्ष के संपन्न चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक सफलता मिली और कांग्रेस को हताशा हाथ लगी।

अब पढ़िए अपने सवाल
सबसे पहले कांग्रेस ने दावा किया, लेकिन भाजपा ने देरी क्यों लगाई, जबकि ऐसे मामलों में भाजपा का मीडिया सेंटर सबसे तेज होता है।
कांग्रेस को यदि यकीन था कि उसने सबसे ज्यादा सीटों पर कब्जा किया है तो दावे के समर्थन में डाटा उपलब्ध क्यों नहीं कराया, यूं ही दीवानी क्यों हो गई।
भाजपा ने केवल जिलों के नाम जारी किए, क्या विजयी प्रत्याशियों के नाम उसके पास भी नहीं है या फिर कुछ छुपाया जा रहा है।
ये कैसी राजनीति है, नाई नाई कितने बाल कल सुबह तक सामने आ ही जाएंगे, फिर आज बताशे क्यों फोड़ दिए गए।
अब एक ना एक तो झूठा है, देखते हैं कौन है ?

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