भोपाल। निश्चित रूप से मध्यप्रदेश जो तरक्की कर रहा है, वैसा तो पूरे देश में कहीं देखने को नहीं मिल सकता। यहां तो एक अदना सा कहा जाने वाला पंचायत सचिव भी करोड़पति निकल रहा है। जिसे 18 साल में कुल 8 लाख वेतन मिला उसकी संपत्ति की कीमत 6 करोड़ से ज्यादा निकली।
मध्य प्रदेश लोकायुक्त पुलिस ने आय से अधिक संपत्ति मामले में सोमवार को सीधी जिले की ग्राम पंचायत हटवा के सचिव संजय सिंह के घर दबिश दी। दिनभर चली कार्रवाई में सचिव के पास करीब छह करोड़ रुपये की संपत्ति होने का पता चला है। अभी जांच जारी है।
संजय नवंबर 1995 में पंचायत कर्मी नियुक्त हुआ था। इसके बाद से वह लगातार हटवा ग्राम पंचायत में सचिव पद पर तैनात है। अब तक उसे वेतन के रूप में कुल आठ लाख दो हजार रुपये प्राप्त हुए हैं। जबकि संजय के पांच बैंकों में कुल आठ लाख रुपये, एक लाख का एफडी, चार 10 चक्के वाला ट्रक, सफारी, बोलेरो, टाटा-407, ट्रैक्टर ट्रॉली, दो मोटरसाइकिल, स्कूटर, 22 एकड़ कृषि भूमि, आवासीय भू-खण्ड और भारी मात्रा में सोने-चांदी के जेवर आदि मिले हैं।
यह केवल ताना मारकर रुक जाने वाला विषय नहीं है। गंभीर बात तो यह है कि इन 18 सालों में कितने ही अफसर बदल गए परंतु किसी ने भी इस महाभ्रष्ट पंचायत सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। यदि कोई जागरुक नागरिक तमाम दस्तावेजों के साथ लोकायुक्त को इसकी शिकायत ना करता तो शायद यह खुलासा ही ना होता। गंभीर विचार का विषय तो यह है कि मध्यप्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार किस हद तक स्वीकार्य होगा है।