उपभोक्ताओं की चुपके से जेब कतर लेतीं हैं बिजली कंपनियां

भोपाल। जरा सोचिए, आपका दूधवाला आपसे दूध की कीमत के अलावा भैंस का चारा, नहालने का पानी, बीमारी की दवाएं, गौशाला का किराया और बाकी खर्चे भी वसूले तो क्या आप देंगे, परंतु बिजली कंपनी को आपको ऐसे बहुत सारे खर्चे देने पड़ते हैं। वो आपके द्वरा उपयोग की गई बिजली का पैसा तो लेते ही हैं साथ ही बहुत सारे दूसरे शुल्क भी वसूल लेते हैं।

देश और प्रदेश के विकास के लिए एक सौ से ज्यादा टैक्स चुकाने वाले मध्यप्रदेश के नागरिक  को एक बार फिर बिजली कंपनी के विकास और रखरखाव के लिए अलग से शुल्क चुकाना पड़ता है। तुर्रा तो यह है कि कि सरकार इसे सही भी मानती है और ऐसे किसी भी शुल्क को कम करने के लिए तैयार नहीं है।

सरकार ने यह जवाब विधानसभा में विधायक विश्वास सारंग के एक सवाल के जवाब में दिया।  आज राज्य विधानसभा में भाजपा विधायक विश्वास सारंग के एक अन्य तारांकित प्रश्न के उत्तर में उर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुल्क ने बताया कि मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए जारी प्रचलित दर आदेश में उल्लेखित प्रभारों यथा नियत प्रभार, उर्जा प्रभार, ईंधन प्रभार तथा दर अनुसूचियों एवं अनुसूचियों एवं सामान्य शर्तों में निहित प्रयोज्य प्रभारों के अलावा उपभोक्ताओं से विद्युत बिल के साथ विद्युत शुल्क, अतिरिक्त सुरक्षा निधि एवं मीटरिंग प्रभार लिए जाते हैं।

विश्वास सारंग के इस प्रश्न पर कि प्रदेश में वितरण कंपनियां आॅडिट किससे कराती हैं? के उत्तर में श्री शुक्ल ने बताया कि प्रदेश में संचालित तीनों वितरण कंपनियों के वार्षिक लेखों का आॅडिट कराने हेतु स्वतंत्र चार्टड अकाउन्टेंट फर्म की नियुक्ति सांविधिक अंकेक्षक के रूप में की जाती है।

श्री शुल्क ने बताया कि वर्ष 2012-13 में पूर्व क्षेत्र की कंपनी को 1432.23 करोड़ रूपये की हानि है तथा मध्य क्षेत्र की कंपनी को 1592.66 करोड़ रूपये व पश्चिम क्षेत्र की कंपनी को 1424.99 करोड़ रूपये की हानि है।

विश्वास सारंग के इस प्रश्न पर कि क्या वितरण कंपनियों का आॅडिट कैग से कराया जायेगा के उत्तर में उर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुल्क ने बताया कि कंपनियों के लेखों का अंकेक्षण नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कैग) द्वारा नियुक्त वैधानिक अंकेक्षक द्वारा किया जाता है फिर कैग द्वारा पूरक अंकेक्षण किया जाता है।

विश्वास सारंग के इस सवाल पर कि विद्युत बिल के साथ वसूले जा रहे अन्य प्रभारों को समाप्त किया जायेगा? के जबाव में श्री शुक्ल ने बताया कि विद्युत बिल के साथ वसूले जा रहे अन्य प्रभार म. प्र. शासन व मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के द्वारा जारी अधिनियमों, विनियमों के प्रावधान के अनुसार ही लिए जाते हैं अतः विधिसम्मत हैं।

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