सीएम साहब, हम आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं

भोपाल। संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा पास अभ्यर्थियों का कहना है कि वो अपनी नौकरी का इंतजार करते करते थक गए हैं। अब उन्हें न्याय की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है और पारिवारिक व सामाजिक प्रेशर के चलते अब हम आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं।

पढ़िए एक अभ्यर्थी उपेन्द्र शर्मा का यह ईमेल:—

श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय, हम सब मप्र शासन की गलत नीतियों और विचारों से पीडित अभ्यथियो के पास आत्मदाह के अलावा और कोइ रास्ता शेष नही रह गया है। हम लोगो ने व्यापम द्वारा आयोजित संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा 2005,2008,2011 मे वर्ग 1,2,3  की परीक्षा अच्छे अंको से पास की लेकिन नौकरी नही मिली।

आज तक हम आश लगाए बैठे है। लेकिन कुछ भी न्यायोचित परिणाम न निकला। आज भी इसी परंपरा का  निर्वाहन सरकार कर रही है। युवावर्ग को नौकरी का लालच देकर सरकार ने सत्ता प्राप्त कर ली और हमे भूल गई। शायद सरकार भूल गई कि फेर न की जे कपट सो जो कीजै व्यापार। जैसे हाडी काठ की चढै न दूजी बार ।अभी हाल ही मे 15दिवस के अंदर वर्ग1 मे 3800पदों के लिए विज्ञापन निकालने की घोषणा की गई वह भी  छलावा प्रतीत हो रहा है। यदि  ऐसा नहीं है तो सरकार पूरी ईमानदारी से अपने कतव्य का पालन करे।

प्राथी
भावी संविदा शिक्षक 1,23
म प्र।

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