मध्य प्रदेश मानसून 2025 कैसा रहेगा, 6 जिलों के लिए बृहत्पाराशर होरा शास्त्र का रेड अलर्ट

मौसम विशेषज्ञ और वैज्ञानिक मौसम का पूर्वानुमान नहीं बताते, बल्कि कमेंट्री करते हैं। पश्चिम बंगाल की खाड़ी में हलचल हुई तो कह रहे थे कि मानसून समय से 8 दिन पहले आएगा। मुंबई में ठहर गया तो अब कहने लगे कि मानसून निर्धारित समय से 8 दिन बाद आएगा। मध्य भारत में विद्वान ज्योतिषी बृहत्पाराशर होरा शास्त्र के आधार पर मौसम की भविष्यवाणी करते हैं। यह पूरी तरह से नॉलेज और कैलकुलेशन का मामला है। चलिए, हम भी कैलकुलेट करके देखते हैं:-  

मध्य प्रदेश के लिए मौसम की भविष्यवाणी: बृहत्पाराशर होरा शास्त्र के अनुसार

बृहत्पाराशर होरा शास्त्र (Brihat Parashara Hora Shastra) मौसम से संबंधित पूर्वानुमान निकालने के लिए सबसे विश्वसनीय किताब है, जिसमें हजारों फॉर्मूले दिए हुए हैं। आपको केवल इतना देखना है कि आपके अपने गाँव अथवा क्षेत्र में कौन सा फॉर्मूला फिट बैठता है। BPHSh के अनुसार, किसी भी क्षेत्र में वर्षाकाल तब प्रारंभ होता है, जब सूर्य देव आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। मध्य भारत में ज्योतिष के विद्वान निर्णय सागर पंचांग की गणना को सबसे सटीक मानते हैं। यह नीमच से प्रकाशित होता है। निर्णय सागर के अनुसार, दिनांक 22 जून को सूर्य देव आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। अर्थात्, मध्य प्रदेश में 22 जून से वर्षाकाल प्रारंभ हो जाएगा।  

आपके गाँव, शहर, क्षेत्र में इस साल वर्षा कैसी होगी, ज्योतिष का फॉर्मूला

BPHSh के अनुसार, यदि आर्द्रा में प्रवेश के समय मेघ, वायु, वज्रपात आदि के योग हों, तो वर्षा प्रचुर होती है। यह बड़ा ही सरल फॉर्मूला है। इसी के आधार पर कई लोग क्षेत्रीय मौसम की भविष्यवाणी करते हैं। आप स्वयं भी देख सकते हैं। यदि दिनांक 22 जून को आपके क्षेत्र के आसमान पर बादल छाए हुए हैं, बिजली चमक रही है और आँधी आ रही है अथवा हवा की गति सामान्य से अधिक तेज है, तो आपके क्षेत्र में वर्षा अच्छी होगी। यदि प्रकृति की यह संगति कमजोर है, तो वर्षा भी कमजोर होगी।  

मध्य प्रदेश के 6 जिलों के लिए बृहत्पाराशर होरा शास्त्र का रेड अलर्ट

BPHSh के हिसाब से, यदि संपूर्ण मध्य प्रदेश को एक धरती मानकर चलें, तो खरीफ फसलों (जैसे धान, सोयाबीन, मक्का) के लिए यह वर्ष अत्यंत शुभ रहने वाला है। वर्षा की मात्रा पर्याप्त व समयबद्ध होगी, जिससे फसलों में रोग की संभावना कम होगी। भिंड, शिवपुरी, छतरपुर, टीकमगढ़, बैतूल, छिंदवाड़ा जैसे जिलों में अत्यधिक वर्षा के योग बन सकते हैं।  

मध्य प्रदेश के मानसून, वर्षाकाल एवं मौसम पर ग्रहों का असर

चंद्रमा और बृहस्पति की शुभ दृष्टि में वर्षा प्रारंभ होती है, तो अच्छी मानी जाती है। मध्य प्रदेश के लिए यह योग बन रहा है, जो मध्य भारत के लिए अच्छी वर्षा का संकेत देता है।
शनि देव मार्च के महीने में ही मीन राशि में प्रवेश कर चुके हैं। मीन राशि में शनि का गोचर वर्षा को बढ़ावा देता है। इसलिए मार्च के महीने से ही मौसम में बारिश हो रही है। लेकिन चिंता की बात यह है कि शनि के साथ राहु का संबंध नमी को अधिक बढ़ा सकता है। इसलिए चातुर्मास में राहु के प्रभाव वाले क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा या क्षेत्रीय बाढ़ की संभावना बनती है। यदि आपका क्षेत्र राहु के प्रभाव में है, तो बाढ़ की संभावना है।
जुलाई के महीने में मंगल देव कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। कर्क राशि में मंगल ग्रह का गोचर जलवृद्धि और वज्रपात का योग बनाता है। यदि आपका क्षेत्र मंगल ग्रह के प्रभाव में है, तो भारी मात्रा में बादल से बिजली गिरेगी और नदी-नालों पर बने बाँध ओवरफ्लो हो जाएँगे।  

संपूर्ण मध्य प्रदेश के लिए वर्षा की भविष्यवाणी

दिनांक 20 जून से मौसम बदलेगा और 22 जून से वर्षा प्रारंभ हो जाएगी। जिन क्षेत्रों में 22 जून को आसमान में बादल दिखाई नहीं देंगे, उनके लिए वर्षा अच्छी नहीं होगी, लेकिन मध्य प्रदेश की दृष्टि से ज्यादातर क्षेत्रों में वर्षा होगी।
जुलाई के महीने में कई दिनों तक मूसलाधार बारिश होगी और कुछ इलाकों में भारी बारिश होगी। इसके कारण नदी-नाले ओवरफ्लो हो जाएँगे। मध्य प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ जाएगा।
अगस्त के महीने में भी सामान्य से अधिक बारिश होगी। इसके कारण मौसम विभाग के वर्ष के आँकड़े अनुकूल हो जाएँगे। अगस्त की बारिश खेती के लिए अच्छी होगी, लेकिन कुछ जिलों में अत्यधिक बारिश होने के कारण खेती को नुकसान भी होगा।
सितंबर और अक्टूबर के महीने में दीपावली तक हल्की-फुल्की बारिश होती रहेगी।  
डिस्क्लेमर: यह किसी अनुभवी ज्योतिषी का पूर्वानुमान नहीं है, बल्कि बृहत्पाराशर होरा शास्त्र के फॉर्मूलों के आधार पर किया गया कैलकुलेशन है, जो परीक्षण के लिए प्रस्तुत किया गया है। कृपया इसके आधार पर कोई फैसला न करें। शोध: उपदेश अवस्थी।  

How will Madhya Pradesh monsoon 2025 be: Astrology prediction

For those seeking insights into the Madhya Pradesh monsoon forecast for 2025, this article explores predictions based on the ancient Brihat Parashara Hora Shastra. Highlighting key astrological calculations, it provides detailed weather forecasts for Madhya Pradesh, including a red alert for six districts—Bhind, Shivpuri, Chhatarpur, Tikamgarh, Betul, and Chhindwara—indicating potential heavy rainfall. By analyzing planetary influences like Sun, Saturn, Jupiter, and Mars, the forecast predicts a robust monsoon season starting June 22, with abundant rainfall benefiting kharif crops but posing risks of flooding in certain areas. Stay informed about the 2025 monsoon trends in Madhya Pradesh with this astrologically grounded analysis.

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