जब SC-ST वर्ग को लाखों की छात्रवृत्ति मिलती है, तो EWS को ₹2500 क्यों? Khula Khat

0
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा घोषित ‘विक्रमादित्य योजना’ का उद्देश्य था कि वह गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा दिलाएगी। लेकिन ज़मीनी हकीकत चीख-चीखकर कह रही है कि यह योजना एक छलावा है – ना इसमें राहत है, ना सम्मान। योजना में कहा गया कि जरूरतमंद छात्र को ₹2500 तक की सालाना सहायता राशि मिलेगी, जो शायद आज के समय में एक अच्छे बैग या किताबों का खर्च भी पूरा नहीं कर सकती। तो क्या सरकार यह मान बैठी है कि गरीब छात्रों की पूरी शिक्षा ₹2500 में पूरी हो जाती है?

"इस योजना का नाम ‘विक्रमादित्य’ ज़रूर है, लेकिन नीति में कोई महानता नहीं है। ये योजना सिर्फ फोटो में मुस्कुराते चेहरों तक सीमित है, ज़मीन पर इससे गरीब छात्रों को कुछ नहीं मिलता। ₹2500 की मदद देकर सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का अपमान कर रही है। यह नीतिगत भेदभाव और संवैधानिक समानता के अधिकार का सीधा उल्लंघन है।”

छात्रों की पीड़ा – 'पढ़ाई या मज़दूरी?'

योजना में इतने कठोर और तंग दायरे की शर्तें रखी गई हैं कि अधिकतर पात्र छात्र बाहर हो जाते हैं —
₹54,000 से कम वार्षिक आय। जबकिं EWS में 8 लाख वार्षिक आय माना गया हैं।
केवल सरकारी/अनुदान प्राप्त कॉलेज में पढ़ाई।
12वीं में 60% अंक।
सिर्फ सामान्य वर्ग के छात्र रीवा, सतना, मंडला, और छतरपुर जैसे ज़िलों से आई शिकायतें बताती हैं कि योजना की राशि समय पर नहीं मिलती, पोर्टल में त्रुटियाँ हैं, और कॉलेज प्रशासन खुद इसे गंभीरता से नहीं लेता।

कड़वा सवाल – जब SC/ST/OBC वर्ग को लाखों की छात्रवृत्ति मिलती है, तो EWS को ₹2500 क्यों?

क्या संविधान की समानता की अवधारणा सिर्फ दिखावे के लिए है? क्या आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के बच्चों को सिर्फ इसलिए नजरअंदाज किया जा रहा है कि उनके पास कोई 'आरक्षण' की ढाल नहीं?अब वक्त आ गया है कि सरकार सिर्फ EWS वर्ग के लिए योजनाओं की घोषणा न करे, बल्कि उन्हें प्रभावी ढंग से लागू भी करे। वरना ये योजनाएं युवाओं की उम्मीदें तोड़ने वाली घोषणाएं बनकर रह जाएंगी।

EWS वर्ग की मांगें:
योजना की राशि कम से कम ₹25,000 की जाए
निजी कॉलेजों को भी योजना में शामिल किया जाए
छात्रावास, किताब, भोजन जैसी आवश्यक सहायता भी जोड़ी जाए
सभी EWS छात्रों के लिए 'एकीकृत छात्रवृत्ति योजना' लाई जाए
लेखक :- धीरज तिवारी, अधिवक्ता एवं भारतीय ईडब्ल्यूएस संघ के अध्यक्ष हैं। 

अस्वीकरण: खुला-खत एक ओपन प्लेटफार्म है। यहां मध्य प्रदेश के सभी जागरूक नागरिक सरकारी नीतियों की समीक्षा करते हैं। सुझाव देते हैं एवं समस्याओं की जानकारी देते हैं। पत्र लेखक के विचार उसके निजी होते हैं। यदि आपके पास भी है कुछ ऐसा जो मध्य प्रदेश के हित में हो, तो कृपया लिख भेजिए हमारा ई-पता है:- editorbhopalsamachar@gmail.com

विनम्र अनुरोध🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें।
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
इसी प्रकार मध्य प्रदेश के कुछ जागरूक नागरिकों द्वारा उठाए गए मुद्दों को पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Khula Khat पर क्लिक करें।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!