AKSHAYA TRITIYA 2025- अक्षय तृतीया की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त एवं महत्व

AKSHAYA TRITIYA 2024- अक्षय तृतीया 2025 अथवा आखा तीज 2025, वैशाख मास की तृतीया तिथि का भारतीय धर्म संस्कृति में बहुत अधिक महत्व है। इस दिन को अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस बार अक्षय तृतीया दिनांक 30 अप्रैल 2025 दिन बुधवार को मनाई जाएगी। प्राचीन भारत के 18 में से 8 पुराणों में निर्देशित किया गया है कि भारत के प्रत्येक परिवार में अक्षय तृतीया की पूजा होना चाहिए। ऐसा करने से अक्षय सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। अर्थात ऐसा सुख और समृद्धि प्राप्त होती है जो कभी नष्ट नहीं होती। पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त टाइम और अन्य महत्वपूर्ण बातों का यहां उल्लेख किया जा रहा है। कृपया श्रद्धापूर्वक पढ़ें:- 

अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त टाइम क्या है?

  • अक्षय तृतीया की तारीख- 30 अप्रैल 2025
  • अक्षय तृतीया का दिन - बुधवार 
  • अक्षय तृतीया प्रारंभ -  29 अप्रैल को रात्रि 11 बजकर 47 मिनट से।  
  • अक्षय तृतीया तिथि का समापन - 30 अप्रैल को रात्रि 09 बजकर 37 मिनट।
  • अक्षय तृतीया का पूजन मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक। 
  • अक्षय तृतीया को स्वर्ण आदि खरीदारी का मुहूर्त- सुबह 5 बजकर 41 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 12 मिनट तक।

AKSHAYA TRITIYA KA IMPORTANCE- अक्षय तृतीया का महत्व

जानकारों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त रहता है इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। इस दिन दान पुण्य करने से अक्षय फल (कभी न समाप्त होने वाला) की प्राप्ति होती है। इस दिन लोग सोने चांदी से बनी चीजों की विशेषतौर पर खरीददारी करते हैं मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीज में हमेशा बढ़ोत्तरी होती है और सोना खरीदने से सुख-समृद्धि आती है। इस पावन तिथि पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन-धान्य आता है। भगवान परशुराम ने भी इसी दिन जन्म लिया था इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है।

AKSHAYA TRITIYA 2024 KI POOJA VIDHI- अक्षय तृतीया पूजा विधि

  • इस दिन महिलाएं अपने परिवार की समृद्धि के लिए व्रत करती हैं।
  • इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। 
  • यदि नदी पर नहीं जा सकते तो घर पर ही स्नान करें।
  • इसके बाद मां लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की प्रतिमा पर अक्षत अर्पित करें।
  • भगवान के सामने धूप दीप प्रज्वलित करें और चंदन, श्वेत कमल के पुष्प या श्वेत गुलाब आदि से पूजन करें। 
  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • इसके बाद अपने घर में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। 
  • खीर का भोग लगाएं।
  • अंत में आरती करें और सभी को प्रसाद वितरित करें। 

अक्षय तृतीया पर नमक क्यों खरीदते हैं?

सेंधा नमक को घर की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने वाला माना गया है। अक्षय तृतीया पर सेंधा नमक खरीदकर उसका उपयोग घर की सफाई में करें या उसे एक कटोरी में भरकर उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। ऐसा करने से घर में धन और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। 

अक्षय तृतीया पर कौन सा रंग पहनना है?

अक्षय तृतीया के लिए सोना सबसे बढ़िया रंग है, जो स्वर्ग से धन और अच्छी चीज़ों का संकेत देता है। शाम की पूजा या त्यौहार की रातों के लिए शानदार सोने की सीक्विन साड़ी एकदम सही है। रोशनी में चमकते सीक्विन आपके लुक में चार चाँद लगा देते हैं। 

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