अक्सर सोशल साइट पर बहुत से लोग लैंगिक प्रदर्शन से सम्बंधित पोस्ट शेयर कर देते हैं, ज्यादातर वर्तमान समय में ऐसी पोस्ट मौज-एप, फेसबुक, शेयर-चैट आदि एप्लिकेशन में देखने को मिलती है ऐसी लैंगिक प्रदर्शन वाली पोस्ट को अपलोड करने वाले व्यक्ति के खिलाफ थाने में डारेक्ट एफआईआर दर्ज की जा सकती है जानिए।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 (क) की परिभाषा:-
अगर कोई व्यक्ति इलैक्ट्रोनिक साधन द्वारा ऐसी लैंगिक प्रदर्शन करेगा जिसमे गलत चाल-चलन का समावेश हो अर्थात व्यक्ति की लैंगिक (कामुकता) इच्छा उत्पन्न हो तब ऐसी पोस्ट को शेयर करने वाला व्यक्ति या सोशल साइट पर अपलोड करने वाला व्यक्ति उपर्युक्त धारा 67(क) के अंतर्गत दोषी होगा।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 (क) के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
यह अपराध किसी भी प्रकार से समझोता योग्य नहीं है, यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध हैं। अधिनियम के अनुसार अपराध का इन्वेस्टिगेशन करने की शक्ति निरीक्षक(इंस्पेक्टर) की नीचे की पक्ति के पुलिस अधिकारी को नहीं हैं। सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम पांच वर्ष की कारावास एवं अधिकतम दस लाख रुपए जुर्माना। अगर दूसरी बार यही अपराध करता है तब ऐसे व्यक्ति को सात वर्ष की कारावास और दुवारा दस लाख तक का जुर्माना लग सकता है।
अधिनियम की धारा 67 एवं 67 (क) में अंतर
धारा 67 किसी भी अश्लील सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक साधन द्वारा प्रकाशन करने के लिए पर लागू होती है एवं धारा 67 (क) की अपेक्षा कम दण्ड का प्रावधान है। एवं धारा 67(क) सिर्फ लैंगिक प्रदर्शन को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से पोस्ट करना या शेयर करना या अपलोड करना होता है सजा का प्रावधान भी अधिक है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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