नई दिल्ली। राजस्थान सरकार ने तय किया है कि उन सभी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी जिन्होंने शादी में दहेज लिया है। इतना ही नहीं यदि कोई कर्मचारी शादी के बाद अपनी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करता है और इस तरह का कोई मामला न्यायालय में निर्णय हेतु प्रस्तुत किया जाता है तो संबंधित कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया जाएगा। कर्मचारी को घोषण पत्र दिए गए हैं जिन्हे भरकर उसे अपनी पत्नी, पिता, ससुर और ससुराल के 2 गवाहों के हस्ताक्षर समेत सबमिट करना है।
सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को अब यह बताना होगा कि उन्होंने विवाह के समय दहेज लिया था या नहीं। पिछले पांच वर्ष के दौरान सेवा में शामिल हुए प्रत्येक सरकारी कर्मचारी से इस बाबत घोषणा-पत्र भरवाया जा रहा है। घोषणा-पत्र पर खुद के हस्ताक्षर के साथ ही पत्नी, ससुर और पिता के हस्ताक्षर कराने होंगे। अपने और ससुराल पक्ष की ओर से दो-दो गवाहों के हस्ताक्षर कराना भी अनिवार्य होगा।
राज्य के काíमक विभाग ने इस बाबत एक आदेश सभी विभागों में जारी किया है। घोषणा पत्र में कर्मचारी को यह बताना होगा कि उसकी नियुक्ति कब और किस विभाग में किस पद पर हुई। विवाह की तारीख बताते हुए यह घोषित करना होगा कि उसने शादी के समय दहेज नहीं लिया। पुरुष कर्मचारी को यह भी घोषित करना होगा कि भविष्य में पत्नी अथवा ससुराल पक्ष की ओर से यदि दहेज के बारे में कोई शिकायत प्राप्त होती है अथवा इस संबंध में कोर्ट में मामला पहुंचता है तो सेवाएं समाप्त की जा सकेंगी।