
टूर ऑपरेटर हर्ष देसाई खुद बस में मौजूद थे। हर्ष ने बताया कि एक आतंकी ने बस में घुसने की कोशिश भी की, लेकिन उसे हेल्पर ने धक्का दे दिया। उधर, ड्राइवर सलीम के चचेरे भाई जावेद ने कहा, "वो (सलीम) 7 लोगों की जान नहीं बचा पाया, लेकिन बस को सेफ जगह ले जाकर उसने 46 पैसेंजर्स की जान बचा ली।
क्या हुआ था घटनाक्रम

वीडियोगेम की तरह चल रही थीं गोलियां
हर्ष ने बताया, "आतंकियों के दिल में कोई रहम नहीं दिखाई दे रहा था। वो लगातार गोलियां चला रहे थे। गोलियां इस तरह चल रही थीं, जैसे कि वीडियोगेम में चलती हैं। मैंने बस को वहां से निकालने की कोशिश की।
बस में घुसने की कोशिश कर रहा था आतंकी
मैंने देखा कि एक आतंकवादी बस में घुसने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान हेल्पर ने उसे चलती बस से धक्का देकर बाहर ढकेल दिया और बस का दरवाजा बंद कर लिया। उसकी बहादुरी से आतंकी बस में नहीं घुस पाया।
5 km दूर जाने पर मिली आर्मी
"फायरिंग के बीच हमने बस तेज रफ्तार से दौड़ा दी। करीब 5 किलोमीटर दूर जाने पर आर्मी वाले मिले। हमने उनसे सारी बात बताई। वे तुरंत घटनास्थल की ओर आए, लेकिन तबतक हमला करने वाले आतंकवादी भाग गए थे।
हमले के पीछे किसका हाथ?
इस बीच कश्मीर के आईजी मुनीर खान ने कहा कि हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथा है, जिसका मास्टरमाइंड पाकिस्तान का टेररिस्ट इस्माइल है। उधर, सरकार ने कहा कि हमले के दोषियों को छोड़ेंगे नहीं।
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