कंपनी-सरकार के पाटों में पिस रहे हैं MP के आउटसोर्स कर्मचारी

भोपाल। मध्य प्रदेश में शासकीय विभागों में स्थाई/संविदा नियुक्त नही होने तक मेन पावर उपलब्ध कराने वाले कम्पनी के माध्यम से आउटसोर्स व्यवस्था पर अस्थाई कर्मचारी की नियुक्ति की जाती है। जिसमें सरकार को कोई हस्तक्षेप नही होता। कर्मचारी का मानदेय सीधे कम्पनी को दिया जाता है। जिसमे से कम्पनी स्वयं का कमिशन काटकर कर्मचारी को भुगतान करती है। मतलब यह है कि ‘‘नाचे कूदे बांदरी, खीर खाए फकीर’’

कम्पनी कर्मचारी को मानदेय भुगतान समय पर करे या नही या बिल्कुल नही इससे सरकार को कोई मतलब नही। सरकार एक बार भी यह सवाल नही करती है कि शासकीय विभाग में काम कर रहे कर्मचारी को कम्पनी ने मानदेय भुगतान किया या नही ? वक्त आने पर सरकार की ओर से जवाब आता है कि यदि आपको समय से मानदेय भुगतान नही किया जा रहा है या बिल्कुल ही नही किया जा रहा है। यह कर्मचारी एवं कम्पनी का मेटर है। सरकार को कोई मतलब नही। आपको काम करना है तो करो या मत करो। 

अब सवाल यह है कि यदि काम नही करेगा तो जो परिवार को सम्भाल रहे है उनकी अजीविका कैसे चलेगी। और यदि करते रहे तो उनका मानदेय कब तक मिलेगा। यह एक प्रश्न चिन्ह् बनकर रह गया है। अब सरकार के विभाग का काम समय पर हो जाता है और कम्पनी को उसका लाखों रूपयों का समय पर भुगतान हो जाता है तो कर्मचारी का क्यों ? नही। 

इस मतलब यह है ‘‘अपणों भलो ने अपणी बेटी को भलो जवांई भलई कई जाए’’ मतबल साफ है विभाग का काम हो गया, कम्पनी को लाखों का भुगतान हो गया और कर्मचारी को उसका मानदेय समय पर मिले या नही या बिल्कुल ही नही इससे सरकार को ओर कम्पनी को कोई मतलब नही।

जिन विभागों मे आउट सोर्स व्यवस्था पर काम कर रहे है उनके भविष्य के बारे में सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नही उठाया जा रहा है। बल्कि उनके भविष्य के बारे में सोचे बिना ही विभाग में भर्ती की जा रही है। जिस कर्मचारी के वोट से सरकार बनती है उसे कर्मचारी को बेरोजगारी के युग और दर- दर भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है। इससे कही न कही कर्मचारी के अधिकार एवं मानसम्मान का हनन सरकार द्वारा किया जा रहा है। 

अब सवाल यह है कि अचानक कर्मचारी को हटा दिया जाता है तो उसकी अजीविका कैसी चलेगी। विभागों में लगभग 7-8 वर्ष से काम कर रहे कर्मचारी जो कि विभाग के प्रति कर्मठ है और उसका अभी तक कोई अजीविका चलाने क साधन भी नही है। सरकार द्वारा नियुक्त कर देने के कारण उनको हटा दिया जाता है अब उनका भविष्य का क्या ?

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