शादी के बाद हनीमून से पहले रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

नई दिल्ली। मोदी सरकार जल्द ही शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने जा रही है। इसके लिए टाइम लिमिट भी फिक्स की जा रही है। हिंदू विवाह में शादी के बाद एक सप्ताह तक घरेलू रस्में चलतीं हैं, फिर कन्या मायके चली जाती है। जब लौटकर आती है तो हनीमून शुरू होता है परंतु मोदी सरकार के प्रस्तावित नए नियम के अनुसार हनीमून पर जाने से पहले ही शादी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। लॉ कमिशन ने केंद्र को सलाह दी है कि विवाह के 30 दिन के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य किया जाए। 'विवाह का अनिवार्य पंजीकरण' शीर्षक की अपनी रिपोर्ट को कमिशन ने इसी महीने जमा किया है। कमिशन ने साथ ही यह भी सिफारिश की है कि बिना किसी वाजिब वजह के विवाह के पंजीकरण में देरी के लिए 5 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाए।

कमिशन ने अपनी रिपोर्ट में यह भी जोड़ा है कि जुर्माने की अधिकतम रकम 100 रुपये रखी जाए। विवाह के अनिवार्य पंजीकरण के समर्थन में लॉ कमिशन ने कहा है कि इससे बाल विवाह रोकने के लिए बने पहले से मौजूद कानूनों के बेहतर क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। कमिशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शादी के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन से जबरन विवाह या नाबालिगों के विवाह की चलन को खत्म करने में मदद मिलेगी और इससे लैंगिक समानता लाने व महिलाओं के सशक्तिकरण में मदद मिलेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में ही विवाह के पंजीकरण को अनिवार्य करने का आदेश दिया था। कुछ राज्य सरकार पहले ही कानून बनाकर अपने यहां विवाह के पंजीकरण को अनिवार्य बना चुके हैं। पिछले महीने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी सभी धर्म के लोगों के विवाह का पंजीकरण अनिवार्य करने का फैसला लिया था। 
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