मप्र: 57 नेता पुत्रों की युवा मोर्चा में ताजपोशी

भोपाल। माना जाता है कि एबीवीपी भाजपा की माध्यमिक डिग्री है और युवा मोर्चा स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम। यहीं से निकलकर युवा भाजपा में आते हैं और इसी के कारण भाजपा को कैडरबेस पार्टी कहा जाता है। कांग्रेस के परिवारवाद के खिलाफ भाजपा के संस्थापकों ने इस प्रक्रिया को सर्वश्रेष्ठ माना था परंतु अब भाजपा का कांग्रेसीकरण जारी है। परंपराएं भी कांग्रेस जैसी ही हो गईं हैं। युवा मोर्चा की नई जारी लिस्ट में जमीनी कार्यकर्ताओं को अवसर मिलना चाहिए था परंतु 57 पद नेतापुत्रों के लिए आरक्षित कर दिए गए। कहना जरूरी नहीं कि आम कार्यकर्ताओं की 57 कुर्सियां छीन ली गईं। 

प्रदेश कार्यसमिति में बीजेपी के कई नेता पुत्रों को जगह दी गई है, जिनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य प्रभात झा, प्रदेश सरकार में मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा व गोपाल भार्गव और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शामिल हैं। 13 विभिन्न् समितियों में 57 नेताओं को शामिल किया गया है, जिनमें भोपाल के नौ हैं।

मोर्चे की प्रदेश कार्यसमिति में पार्टी के 59 जिलों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। केंद्रीय मंत्री तोमर के पुत्र देवेंद्र प्रताप सिंह (रामू) तोमर, राज्यसभा सांसद प्रभात झा के पुत्र तुष्मुल झा, राज्य सरकार के मंत्री डॉ. मिश्रा के पुत्र सुकर्ण मिश्रा, गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश को भी जगह दी गई है। सभी युवा नेता ऐसे हैं जिन्होंने भाजपा की प्राथमिक और माध्यमिक परीक्षाएं ही नहीं दीं। उन्होंने कभी आम कार्यकर्ताओं की तरह काम नहीं किया। कुछ तो ऐसे हैं जो पिताजी की लालबत्ती में घूमा करते थे और पापा की लालबत्ती से ही राजनीति की शुरूआत की है। अभी कुछ मंत्री शेष हैं जो अपने बेटे बेटियों को लोकसभा और विधानसभा का टिकट दिलाने की तैयारी कर रहे हैं। बालाघाट में विवाद ही बेटी का है।
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