सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। जिला चिकित्सालय के नवनिर्मित्त ट्रामा सेंटर में बीती रात 10 घंटे के अंतराल में 3 नवजात शिशुओं की मौत का मामला सामने आया। जिससे परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया दोषि विद्युत कर्मीयों और डाक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। जानकारी के मुताबिक जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर पिछले कुछ माह पहले लोर्कापण किया गया हैं। जहां पर ट्रामा युनिट को संचालित करने वाले चिकित्सक व मशीनों का अभाव होने से इस समय इस सेंटर में सिर्फ प्रसूति वार्ड को शिफ्ट कर दिया गया हैं। किंतु इसके लिये भी जनरेटर की व्यवस्था नहीं की गई हैं। जिससे यहां पर आये दिन रात में बिजली कटौती या अन्यकारण से आपूर्ति बंद होने पर ट्रामा सेंटर का प्रसूति वार्ड अंधेरे के आगोश में चला जाता हैं।
बीतीरात लगभग 7.30 बजे गरज चमक के साथ बारिश हुई और बिजली आपूर्ति ठप्प हो गई। जो कि रात 1 बजे तक बाधित रही। तब तक ट्रामा सेंटर में अंधेरे का आलम रहा। इसी दौरान प्रसूति हेतु भर्ती हुई मरीजों में तीन नवजात शिशुओं की मौत हो गई। वहीं एक अन्य शिशु की चिकित्सक के समय पर नहीं पहुंचने से मौत हो गई। परिजनों का आरोप हैं कि जिन्हे समय पर उपचार सुविधा व अन्य व्यवस्थायें नहीं मिल पायी जिसके कारण प्रसूति कराये जाने में देरी हुई व ऑपरेशन नही किये जा सके।
यह भी आरोप लगाया गया कि चिकित्सीय लापरवाही व बिजली ने अलग-अलग नवजात शिशुओं की जिंदगी निगल ली हैं। सुबह इस मामले ने तूल पकड़ा व हंगामा मच गया।मामले को सुलझाने के लिये पुलिस,एसडीएम व सिविल सर्जन पहुंचें। जिन्होने मामले को सुलझाया दोषियों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराये जाने की मांग की बात कही। इसी मामले को लेकर कांग्रेस भी सामने आयी और जिला अस्पताल में प्रदर्शन किया। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने नवजातों में 3 की मौत को स्वीकारते हुये कहा कि मौत की वजह बिजली कटौती नहीं हैं। बल्की मौत की वजह माता और बच्चे का स्वास्थ्य ठीक नही था।