
शाखा के पास दुकान चलाने वाले गिरधारीलाल ने बताया कि 2007 में उनके खाते से 20 हजार और एक लाख 95 हजार रुपए कम हो गए थे। 2010 में स्टेटमेंट निकलवाया तो इसका पता चला। उन्होंने बैंक अधिकारियों से तुरंत शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। तब गिरधारीलाल ने चेक बुक जारी करने के संबंध में दिए दस्तावेज मांगे तो बैंक ने यह कहते हुए कि पल्ला झाड़ लिया कि दस्तावेज रिकार्ड पर नहीं हैं। इसके बाद एडवोकेट निलेश जोशी के माध्यम से परिवाद लगाया गया।
इनका वारंट जारी
संजय कुमार मैनेजर बैंक ऑफ बड़ौदा, एमजी मोड पासिंग अधिकारी, महेश जैन कैशियर, नितिन सक्सेना कैशियर, महावीर कासलीवाल कैशियर और नरेंद्र जंगले क्लर्क के खिलाफ भादवि की धारा 409 और 201 के तहत प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए।