होशंगाबाद। जुर्म को रोकने का सबसे कारगर तरीका है। उसके खिलाफ आवाज उठाना और जब जुर्म के खिलाफ आवाज उठती है। तो इंसाफ मिलता है। जैसे होशंगाबाद में एक छह साल की मासूम को मिला। जिसे पिछले 5 सालों से बंधक बनाकर रखा गया था और लगातार उसके साथ दुष्कर्म किया गया। दरिंदों के चंगुल से इस मासूम की रिहाई आंगनबाड़ी की एक जागरुक कार्यकर्ता की वजह से हो पाई।
जी हां इटारसी के पुराने शहर के एक मकान पर सीडब्लूसी की रेसक्यू टीम ने जब छापामार कर इस बच्ची को बरामद किया तो खुलासा हुआ दरिंदगी की दास्तां का। इस बच्ची के बारे में उसी इलाके में रहने वाले आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता ने सूचना दी थी। जिला बाल संरक्षण अधिकारी को लिखित शिकायत भेज आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने इसबात का जिक्र किया।
एक संदिग्ध महिला ने 6 साल की बच्ची को अवैध रुप से अपने पास रखा है और जब बच्ची को बरामद किया गया और आरोपी महिला को गिरफ्तार किया गया तो खुलासा हुआ कि कुछ साल पहले ये बच्ची उसे ट्रेन में सफर के दौरान मिली थी। दरअसल आरोपी महिला ट्रेन में सामान बेचने का काम करती है और कुछ महीने पहले अपनी मुंहबोली बहन के साथ पुराने शहर में किराए का मकान लेकर रह रही थी।
बच्ची ने रेस्क्यू टीम को जो आपबीती सुनाई है वो रोंगटे खड़े करने वाली है। बच्ची के मुताबिक, आरोपी महिला उसे कई दिनों तक खाना नहीं देती थी। कई बार उसे कमरे में बंद कर चली जाती थी, उससे घर का सारा काम कराया जाता था, काम न करने पर उसे यातना दी जाती थी। उस दौरान मकान मालिक दिनेश मिश्रा ने उसके साथ कई बार ज्यादती की।
पुलिस ने महिला और मकान मालिक को गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले में तारीफ करनी होगी। उस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की जिसने जुर्म होते देख उसके खिलाफ आवाज बुलंद की और एक मासूम को 5 साल बाद दरिंदों के चंगुल से छूट पाई।