ग्वालियर। पीएमटी फर्जीवाड़े में फंसे छात्रों ने आरोप तय कराने से बच रही पुलिस को छात्रों ने आवेदन पेश कर घेर लिया है। तीन छात्रों ने विशेष न्यायालय में आरोप पत्र तय करने के लिये आवेदन प्रस्तुत किये हैं। आवेदन पर से न्यायालय ने पुलिस से 15 दिसम्बर तक ओरिजनल रिकाॅर्ड पेश करने के निर्देश दिये हैं, जिससे आरोप तय हो सके।
पुलिस ने डाॅ0 राजेन्द्र तरेटिया, राजेन्द्र आर्या, सतेन्द्र टैगोर को आरोपी बनाकर 28 जुलाई को न्यायालय में चालान पेश कर दिया था। छात्रों के अधिवक्ता उमेश कुमार बौहरे ने कोर्ट को बताया कि पुलिस के पास ऐसे कोई सबूत नही हैं, जिससे तीनों को आरोपी बनाया जा सके, उनका ओरिजनल रिकाॅर्ड कोर्ट में पेश किया जाये। पुलिस अभिरक्षा में हुई पूछताछ को आधार बनाकर चालान पेश किया गया है। अगर आरोप तय करते समय पुलिस सबूत पेश नहीं कर पाती तो शुरूआत में ही बरी हो सकते हैं।
सवारी वाहन अधिक बसूल रहे किराया
ग्वालियर। डबरा से ग्वालियर, दतिया, झांसी के बीच में तथा भितरवार, चीनोर मार्ग पर चलने वाली यात्री बसें एवं मिनी बसें स्वयं को राज्य परिवहन विभाग जो 9 साल पहले खत्म हो चुका है, उससे संबंधित बताकर बसों के ऊपर राज्य परिवहन लिखवाकर तथा टिकिट कट्टे राज्य परिवहन जैसे मिलते-जुलते छपवाकर यात्रियों से प्रति टिकिट 10 से 20 रूपये अधिक बसूली सरकारी बस बताकर कर रहे हैं। जबकि सरकारी बसें 9 साल से बंद हैं। इस लूट की ओर किसी अधिकारी का ध्यान नही हैं, संबंधित अधिकारी सेवा शुल्क लेकर शिकायतों की अनदेखी करते हैं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के विरूद्ध बसें चलाई जा रही हैं, काले कांच टूटी-फूटी खिड़की तथा 15 साल से अधिक पुरानी बसें, छत पर बैठे यात्री, महिलाओं से बसों में हो छेड़छाड़, बगैर लायसेंस ड्रायवर, बगैर ड्रेस कंडक्टरों का चलना, महिला यात्रियों से दुव्र्यवहार, वृद्ध एवं महिला यात्रियों की सीटों का सुरक्षित न होना आदि अनेक कमियों को लेकर बसें चलाई जाती हैं। रात्रि कालीन बसें माल ढोने का जरिया बन गई हैं, बिना परमिट, बिना उचित कागजों के रात्रि में नियमित बसें चलाई जा रही हैं। कोई भी घटना दुर्घटना होने पर यात्रियों की कोई जिम्मेदारी बस संचालक नही लेते।
खुले चेम्बरों से हो सकता है हादसा
ग्वालियर। डबरा में झांसी ग्वालियर रोड़ पर पानी निकास के लिये बनाये गये नाले तथा उसके चेम्बर के खुले होने से आयेदिन राहगीर वाहन चालक तथा जानवर खुले चेम्बर में गिर रहे हैं। कुछ दिन पहले एक साइकिल सवार गिरकर गंभीर रूप से घायल हो चुका है। इस मार्ग पर स्कूल होने से छोटे-छोटे बच्चे भी निकलते हैं, जिससे कोई भी हादसा हो सकता है। स्थानीय लोगों ने नगर पालिका से चेम्बर के ढक्कन लगाने की मांग की है। इसके अलावा नगर में कई जगहों पर बने चैनलों में चेम्बर नही लगे हैं, वहां भी कई हादसे हो चुके हैं।
अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री पकड़ी
ग्वालियर। मुरैना कोतवाली पुलिस ने नगर के गोपालपुरा में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री पर छापा मारकर अवैध कट्टे, बंदूक और रिवाॅल्वर बरामद किये हैं। देवकी नंदन शर्मा व उसके पुत्र को पुलिस ने हथियार बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है, पिछले दिनों एक युवक को कट्टे सहित पुलिस ने पकड़ा था। पूछताछ में देवकी नंदन शर्मा का नाम आया, जिस पर से पुलिस ने दबिश देकर फैक्ट्री पर कार्यवाही की। करीब डेढ़ साल से बाप-बेटा अवैध हथियार की फैक्ट्री चलाकर कट्टा रिवाॅल्वर बंदूकें प्रदेश के अलावा बाहर के लोगों को भी बेचते थे। पुलिस अवैध हथियारों के सौदागरों की तलाश में लगी है।
रेत खनन पर हाईकोर्ट सख्त
ग्वालियर। चम्बल नदी से रेत खनन मामले में मुख्य वन संरक्षक व चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य अधीक्षक के जबावों में अंतर होने पर हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुये, 15 दिसम्बर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिये हैं। डाॅ0 राखी शर्मा ने अधिवक्ता राजू शर्मा के माध्यम से जनहित याचिका लगाते हुये, सेटेलाइट से रेत खनन की जानकारी की मांग की है। अभ्यारण्य के अधीक्षक ने रेत खनन की जानकारी सेटेलाइट से न मिलने की बात लिखी है। जबकि मुख्य वन संरक्षक ने रेत खनन की निगरानी सेटेलाइट से किये जाने की बात लिखी है। दोनों जबावों में अंतर होने के बाद कोर्ट ने पूछा है कि सेटेलाइट पत्थर खनन की निगरानी हो सकती है तो रेत खनन की क्यों नहीं।