भोपाल। प्रेम और मस्ती के प्रतीक रंगपंचमी के पर्व पर जहां चारों और रंग बरस रहा था, सभी अपने अजीज लोगों को रंग में सराबोर कर देने पर आमादा थे, वहीं एक पति अपनी पत्नी से ‘प्रेम-आग्रह’ कर रहा था।
बरखेड़ा में अपने ससुराल के सामने धरने पर बैठा यह दुखी पति एक शिक्षक है और पिछले चार महीने से अपनी पत्नी को अपने साथ ले जाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कामयाब नहीं हो सका। उसने रंगपंचमी का खुशनुमा मौका देखते हुए एक और कोशिश की और प्रेमाग्रह करते हुए धरने पर बैठ गया।
पति का कहना है कि उनके साथ अग्नि के सात फेरे लेने वाली पत्नी को उसके सास और ससुर ने बहका दिया है और मिलने तक नहीं दिया जा रहा, ऐसे में पत्नी को पाने का एक यही रास्ता बचा था। भेल के बरखेड़ा में आवास क्रमांक 84-एन-2, ई सेक्टर के सामने सत्याग्रह करने वाले नवनीत बेले विदिशा जिले में नटेरन तहसील के तहत पीपलधार हायर सेकंडरी स्कूल में शिक्षक हैं।
उनकी शादी 2011 में भेल कर्मचारी सावन वासनिक की बेटी विद्या के साथ हुई थी, जोकि भेल में कांट्रेक्ट पर कंप्यूटर आॅपरेटर हैं। विद्या ने गांव में रहने में आनाकानी शुरू की तो उसकी मां लक्ष्मी वासनिक ने बेटी का ही पक्ष लिया। इस दरमियान उनके यहां एक बेटी का जन्म हो गया, इस वक्त नवनीत और विद्या की बेटी डेढ़ साल की है। बीते 15 नवंबर-13 को विद्या भोपाल आ गई और वापस जाने से इंकार कर दिया।
इसके बाद नवनीत ने कई बार कोशिशें कीं, लेकिन ससुर सावन वासनिक ने उसको घर से बाहर निकालते हुए बदसलूकी की। यह मामला गोविंदपुरा थाने के परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंच गया, लेकिन काउंसलर भी रुठी पत्नी को समझाइश देने में नाकाम रहे।