चुनावी बुखार सारे देश में फ़ैल चुका है, हर दल अपना हर संभव प्रयास कर रहा है जिससे वह अपनी सीट बचा सके. मैंने भी कृष्णामूर्ति पद्धति द्वारा यह जानने का प्रयास किया है की कौन सा प्रत्याशी जीतेगा और कौन हारेगा..दलपत सिंह जी को शहडोल से भाजापा का प्रत्याशी बनाया गया है आइये देखते हैं की कुंडली विवेचन में क्या परिणाम परिलक्षित होता है:
जीत के लिए नियम : यदि छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी ६,१०,११ में से किसी का कार्येष गृह है तो व्यक्ति जीत सकता है अन्यथा यदि वह गृह ४,५,१२ का कार्येष है तो वह हार जाता है. यदि वह दोनों प्रकार के भावों को सामान रूप से दर्शाता है तो महादशा अंतर और प्रत्यंतर स्वामी किन भाव के कार्येष हैं ये देखना चहिये
छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी छठे भाव में स्थित है और सूर्य के उपनक्षत्र में है जो एकादश भाव में है.
दशम का उपनक्षत्र स्वामी शुक्र दशम में ही है और शुक्र के ही उपनक्षत्र में है .
लाभ स्थान का उपनक्षत्र स्वामी शनि सूर्य के उपनक्षत्र में है जो लाभ में ही स्थित है.
निष्कर्ष : इनकी विजय निश्चित है.
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