भोपाल। सनसनीखेज खुलासा करते हुए भाजपा की वरिष्ठ नेत्री सुषमा स्वराज ने भोपाल प्रवास के दौरान जसवंत सिंह की टिकट के बारे में कहा है कि पार्टी की चुनाव समिति में जसवंत की टिकट फैसला नहीं हुआ, बल्कि भाजपा चुनाव समिति की बैठक के बाद कुछ नेताओं ने उनका टिकट काट दिया। उन्होंने यह भी कहा है कि पार्टी के इस फैसल से उन्हें दुख पहुंचा है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस तरह के असामान्य फैसले बिना किसी वजह के नहीं लिए जाते।
पहले भी जता चुकीं हैं विरोध
यह पहली बार नहीं है जब सुषमा स्वराज ने पार्टी के किसी फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। इससे पहले जब कर्नाटक में रेड्डी ब्रदर्स को पार्टी में वापस लाया गया और भ्रष्टाचार के आरोपी श्रीरामुलु को बेल्लारी से टिकट दिया गया, तब भी उन्होंने सख्त आपत्ति जताई थी।
गौर के बयान से खफा
रंगपंचमी के दिन विदिशा सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर के दिए गए बयान को लेकर भी सुषमा स्वराज ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह बात किसी विरोधी पार्टी के नेता ने नहीं बल्कि बीजेपी के नेता ने कही है। विदिशा सीट पर भाजपा सुषमा ने क्षेत्र से 4 लाख से ज्यादा वोटों से जीतने का संकल्प लिया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को विदिशा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह के लिए बाबूलाल गौर ने कहा था कि लक्ष्मण के लिए सामंती परिवार एक हो जाएंगे।
‘बीजेपी पर नकली लोगों का कब्जा’
पसंद की सीट से टिकट न मिलने से नाराज बीजेपी के सीनियर नेता जसवंत सिंह ने कहा है कि बीजेपी पर नकली लोगों को कब्जा हो गया है। शनिवार को उन्होंने सख्त तेवर अपनाते हुए कहा कि बाड़मेर सीट पर वह कोई समझौता नहीं करेंगे। जसवंत सिंह ने फिलहाल सारे विकल्प खुले रखे हैं, जिसमें निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात भी शामिल है। जसवंत सिंह रविवार को बाड़मेर पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं बाड़मेर पहुंचकर अपने समर्थकों से बात करूंगा और उसके बाद ही कोई फैसला लूंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी मेरे साथ दो बार ऐसा कर चुकी है और अब कोई अन्य प्रस्ताव स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता।