चुनावी बुखार सारे देश में फ़ैल चुका है, हर दल अपना हर संभव प्रयास कर रहा है जिससे वह अपनी सीट बचा सके. मैंने भी कृष्णामूर्ति पद्धति द्वारा यह जानने का प्रयास किया है की कौन सा प्रत्याशी जीतेगा और कौन हारेगा..अनूप मिश्रा जी को मुरेना से टिकेट मिला है. आइये देखते हैं की कुंडली विवेचन में क्या परिणाम आता है :
जीत के लिए नियम : यदि छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी ६,१०,११ में से किसी का कार्येष गृह है तो व्यक्ति जीत सकता है अन्यथा यदि वह गृह ४,५,१२ का कार्येष है तो वह हार जाता है. यदि वह दोनों प्रकार के भावों को सामान रूप से दर्शाता है तो महादशा अंतर और प्रत्यंतर स्वामी किन भाव के कार्येष हैं ये देखना चहिये..
छठे भाव का उपनक्षत्रस्वामी शनि है जो तृतीय भाव में स्थित है और वह सूर्य के उपनक्षत्र में है जो सप्तम भाव में है .शनि इस समय वक्री है.
दशम का उपनक्षत्र स्वामी भी शनि है.
लाभ स्थान का उपनक्षत्र स्वामी शुक्र है छठे भाव में और यह शुक्र के उपनक्षत्र में है.
इस समय चन्द्रमा केतु के नक्षत्र और शुक्र के उपनक्षत्र में है जो छठे भाव में है.
निष्कर्ष : इनकी विजय होगी.
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