भोपाल। राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों में रात के वक्त इमरजेंसी ड्यूटी पर दो डॉक्टर मौजूद रहेंगे। साथ ही स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को भी यहां अपनी सेवाएं देनी होंगी।
अस्पताल की इमरजेंसी सेवाओं में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ऐसा प्रस्ताव तैयार किया है। विभाग ने सभी सिविल सर्जन और डॉक्टरों से इस पर सुझाव मांगे हैं। हालांकि डॉक्टरों ने इस प्रस्ताव के कई प्रावधानों का विरोध किया है।
फिलहाल राजधानी के जेपी, काटजू और बैरागढ़ अस्पताल में दिनभर सिर्फ एक ही डॉक्टर इमरजेंसी ड्यूटी पर रहता है। डॉक्टर द्वारा किसी जरूरी काम से कहीं जाने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही डॉक्टरों पर भी काम का दबाव ज्यादा होता है। इसी वजह से स्वास्थ्य विभाग ने रात में दो डॉक्टर की नियुक्ति का प्रस्ताव तैयार किया है।
हालांकि विभाग इस समय डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में इमरजेंसी में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों और डिस्पेंसरी में मौजूद डॉक्टरों को नियुक्त करने की योजना बनाई गई है। सीएमएचओ डॉ. पंकज शुक्ला ने बताया कि सभी सिविल सर्जन से इस बारे में सुझाव मांगे गए हैं, लेकिन बैरागढ़ और काटजू अस्पताल के अधीक्षकों ने अभी तक सुझाव नहीं दिए हैं।
मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष डॉ. अजय खरे ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के तहत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को इमरजेंसी सेवाओं में नियुक्त नहीं किया जा सकता। हमने दिन में भी इमरजेंसी में दो डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग की है। प्रस्ताव में कहा गया है कि अस्पतालों में होने वाली पैथोलॉजी रिपोर्ट एक घंटे के भीतर दी जाए। व्यवहारिक तौर पर यह संभव नहीं है।