मेरी मौत साबित करेगी, लड़की हमेशा सच नहीं बोलती | UJJAIN NEWS

उज्जैन। सुसाइड नोट में पत्नी, पुलिस और ससुराल पक्ष को मौत का जिम्मेदार बताकर रविवार शाम को गायब हुए युवक का शव मंगलवार को शिप्रा नदी में मिला। बेटे की मौत की सूचना मिलने पर परिजन बदहवास हो गए। पोस्टमार्टम के बाद परिवारवाले शव लेकर सीे जीवाजीगंज थाने पहुंचे और 2 घंटे तक प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि युवक के ससुराल पक्ष और दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। आखिरकार पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाइश दी। दबाव बढ़ने पर एएसपी ने थाने के एएसआई मांगीलाल मालवीय को लाइन अटैच कर दिया। 6 पेज के सुसाइड नोट में युवक ने यह भी लिखा- मैं मरकर साबित करना चाहता हूं कि लड़की हमेशा सही नहीं बोलती, लड़का भी सच बोलता है।

अंकपात मार्ग स्थित श्रीकृष्ण कॉलोनी निवासी युवक जय पिता ब्रजमोहन लोहारिया (26) कंस्ट्रक्शन कंपनी में सुपरवाइजर था। करीब साल भर पहले उसकी शादी हुई थी। 8 दिन पहले जय के खिलाफ पत्नी निशा ने जीवाजीगंज थाने में मारपीट की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने जय को थाने बुलाया था। बाद में पत्नी निशा मायके चली गई। परिजन के अनुसार इस घटना के बाद से ही जय गुमसुम था। रविवार शाम अचानक जय बिना किसी को कुछ बताया घर से चला गया। उसका मोबाइल घर पर ही था, जिसके कैमरा रिकॉर्ड में 6 पेज का सुसाइड नोट मिला था। सोमवार शाम को पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की। वहीं मंगलवार को मंगलनाथ क्षेत्र में शिप्रा नदी में जय का शव मिला।

सॉरी पापा... क्या मैंने शादी कर अच्छा किया
6 पेज के सुसाइड नोट में जय ने कई बातें लिखीं हैं। नोट की शुरुआत में उसने लिखा है कि आई लव यू पापा, लव यू दादी। सॉरी पापा...। मुझे रातभर नींद नहीं आती। अब मेरी पूरी लाइफ खराब हो गई है। क्या मैंने शादी कर अच्छा किया?

पापा जीवाजीगंज टीआई के सामने मेरी पत्नी और ससुराल वालों ने इतना झूठा बोला कि टीआई को सब सच लगा। मेरी कमी यह रही कि यह साबित नहीं कर सका कि सभी ने मेरे खिलाफ झूठा बयान दर्ज किया है। मैं मरकर साबित करना चाहता हूं सभी ने झूठ बोला था। लड़की हमेशा सही नहीं बोलती, लड़का भी सच बोलता है।

बिना जांच के जेल में रखा 
सुसाइड नोट में जय ने लिखा-पुलिस वालों से निवेदन है कि पूरी जांच करो और उसके बाद किसी को जेल में रखो। आपको नहीं पता जब आपने मुझे जेल में बंद कर दिया तो ससुराल वाले बोल रहे थे कि हमारा तो काम पूरा हो गया।

सुसाइड नोट में जय ने अपनी मौत का जिम्मेदार पत्नी निशा, ससुर जगन्नााथ, चाचा ससुर मुकेश, साला अरुण, मौसी सास लता और मौसा ससुर कालू और पुलिस को जिम्मेदार बताया है। जय ने यह भी लिखा कि पंखा बंद करने की बात को लेकर उसकी पत्नी हाथ की नस काटने की धमकी देती थी।

थाने में दो घंटे तक रखा शव, हंगामा 
जय की मौत से परिजन खासे आक्रोशित हो गए। पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के बजाए जीवाजीगंज थाने ले गए। यहां थाने परिसर में ही शव रखकर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। परिवार की महिलाएं विलाप करने लगीं।

परिजन ने मृतक के ससुराल वालों व लापरवाही बरतने पर पुलिसवालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। दोपहर तीन बजे से लेकर शाम 6 बजे तक शव लेकर थाने में डटे रहे। शाम को एएसपी अभिजीत रंजन मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन दिया। बाद में एएसआई मालवीय को लाइन अटैच कर दिया गया। इसके बाद परिजन शव ले गए।

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