SOME DISTILLERY ब्लैकलिस्ट: सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत | BUSINESS NEWS

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट की डबल बैंच ने सोम डिस्टलरी को शराब के ठेका देने संबंधी हाईकोर्ट की रोक को बरकरार रखा है। शराब कंपनी ने ठेका नहीं मिलने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामला करीब 650 करोड़ के ठेके का है। उल्लेखनीय है कि डिस्टलरीज इंडस्ट्री में ग्रुप बनाकर काम करने वाले समूह और उसके सहयोगी पार्टनरों, कम्पनियों को एक अपै्रल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में किसी तरह का ठेका दिए जाने पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी थी। इसके खिलाफ शराब कंपनी ने हाई कोर्ट की सिंगल बैंच में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार की रोक को हटा दिया। सरकार ने सिंगल बैंच के निर्णय को डबल बैंच में चुनौती दी और तब डबल बैंच ने सरकार के निर्णय को सही माना। 

जानकारी के अनुसार शराब कंपनी ने हाईकोर्ट की डबल बैंच के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस पर सुप्रीम कोर्ट की डबल बैंच में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस गोगोई और जस्टिस भानूमति की खंडपीठ ने हाईकोर्ट की डबल बैंच का फैसले को सही ठहराते हुए शराब कंपनियों पर ठेका देने पर रोक को बरकरार रखा है।

यह है मामला
सरकार का राजस्व नहीं चुकाने और अन्य तरीके की गड़बड़ियों के चलते ब्लैकलिस्ट की गई डिस्टलरीज की गुलमोहर ट्रेडर्स के संचालक अनिल अरोरा और इनकी सहयोगी पार्टनर कंपनियों मेग्जिमा ट्रेडर्स भोपाल, मेसर्स मिलियन टेÑडर्स, अविनाश चालान एंड कंपनी, सत्संगी ट्रेडर्स को अगले वित्त वर्ष के लिए ठेके नहीं देने का फैसला लिया है। आबकारी आयुक्त अरुण कोचर द्वारा इसको लेकर सभी कलेक्टरों को लिखी चिट्ठी में कहा गया था कि  वर्ष 2018-19 के लिए देसी विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की नवीनीकरण और लाटरी प्रक्रिया के मामले में इन कम्पनियों को फिलहाल काम नहीं दिया जाए।

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