मप्र में राप्रसे अधिकारियों की संख्या बढ़ेगी, SAS DPC मंजूर, SPS अटकी | MP NEWS

वैभव श्रीधर/भोपाल। राज्य में पांच साल बाद राज्य प्रशासनिक सेवा (राप्रसे) के अफसरों की संख्या बढ़ेगी। इसमें मैदानी और कार्यालयीन पदों में इजाफा होगा। इससे राप्रसे कैडर 850 तक पहुंच सकता है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने कैडर रिव्यू की तैयारी पूरी कर ली है। अब जल्द ही मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह के साथ बैठक होगी। इसमें सहमति बनने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक 2013 में राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग का कैडर रिव्यू हुआ था। पिछले साल सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी कमिश्नर, कलेक्टर और विभाग प्रमुखों को परिपत्र भेजकर मौजूदा स्थिति में राप्रसे अफसरों की दरकार और गैर जरूरी पदों का ब्योरा मांगा था। तकरीबन सभी विभागों व मैदानी कार्यालयों से जानकारी आ चुकी है। अधिकारियों ने विभागीय अफसरों से सीधी बात का दौर भी पूरा कर लिया है। बताया जा रहा है कि कैडर रिव्यू में राप्रसे की मौजूूदा संख्या 774 से बढ़कर 850 हो सकती है।

सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पांच साल में केंद्र व राज्य सरकार की योजनाएं लगातार बढ़ी हैं, लेकिन प्रशासनिक अमला वहीं के वहीं हैं। सरकार परिणाम चाहती है, इसके लिए मंत्रालय से लेकर जिला स्तर पर अधिकारियों के ऊपर काफी दबाव है। ऐसे में कामकाज भी प्रभावित होता है। कैडर रिव्यू में ज्यादातर कमिश्नर और कलेक्टरों ने अपर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) जैसे पद बढ़ाने की मांग उठाई है।

वहीं, विभागों ने भी राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर मांगे हैं। मंत्रालय में भी कुछ विभागों में राप्रसे संवर्ग के पदों पर अधिकारियों की कमी से विभागीय अफसरों को बैठाना पड़ा है। अब मुख्य सचिव या उनके द्वारा नियुक्त अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के सामने कैडर रिव्यू का प्रस्ताव रखा जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि इसी माह के अंत में बैठक हो सकती है। समिति से हरी-झंडी मिलने के बाद कैडर की संख्या बढ़ाने पर अंतिम निर्णय कैबिनेट करेगी।

SAS से IAS में पदोन्न्ति का प्रस्ताव स्वीकार
उधर, राप्रसे से आईएएस में पदोन्न्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग ने प्रदेश के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। प्रदेश में इस बार राप्रसे से आईएएस में पदोन्न्ति के लिए 17 पद हैं। इसके विरुद्ध 51 अधिकारियों के नाम और रिकॉर्ड भेजे गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रिकॉर्ड की पड़ताल के बाद प्रस्ताव को संपूर्ण माना गया है। अब संघ लोक सेवा आयोग को विभागीय पदोन्न्ति समिति (डीपीसी) की बैठक की तारीख देनी है। सूत्रों का कहना है कि अप्रैल-मई में डीपीसी हो सकती है। इसमें 1996 बैच के अधिकारी पदोन्न्त होकर आईएएस बनेंगे।

पहली बार पिछड़े SPS
राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस में पदोन्न्ति के लिए प्रस्ताव अभी तक संघ लोक सेवा आयोग को गृह विभाग नहीं भेज पाया है। यह पहला मौका है कि जब राज्य पुलिस सेवा के अफसर राज्य प्रशासनिक सेवा से प्रस्ताव भेजने के मामले में पिछड़ गए हैं। इस बार पदोन्न्ति के लिए सात पद हैं। सूत्रों का कहना है कि ऑनलाइन सीआर (गोपनीय चरित्रावली) की व्यवस्था होने से पांच साल का रिकॉर्ड एकत्र करने में समय लग रहा है। विभागीय अकिारियों का कहना है कि इस माह के अंत तक प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। इस बार 1995 बैच के अकिारी पदोन्न्त होंगे।

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