MPPSC 2018 परीक्षा दोबारा कराने की मांग, 2 बार जारी हुई है आंसरशीट | MP NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश में एमपीपीएससी परीक्षा को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। फाइनल आंसरशीट जारी होने के बाद उसमें शामिल अभ्यर्थियों में असंतोष भड़क गया है। शुक्रवार को राजधानी भोपाल में दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने बोर्ड ऑफिस चौराहे पर जमकर हंगामा किया। बोर्ड ऑफिस चौराहे पर सैंकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी हाथ में तिरंगा लेकर पहुंचे। उन्होंने आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। पिछले सप्ताह इंदौर में लोक सेवा आयोग कार्यालय में हजारों की संख्या में छात्रों के द्वारा आयोग का घेराव एवं विरोध प्रदर्शन किया गया था, इसके बाद भी जब आयोग द्वारा कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो भोपाल में छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया।

रि-एग्जाम कराने की मांग का महत्वपूर्ण तर्क रखते हुए छात्रों ने कहा कि पांच प्रश्न विलोपित करने के पहले जिन छात्रों के अंक 70 तक हो रहे थे वह अब 65 से कम अंकों पर आ गए हैं। एमपीएससी परीक्षा में करीब 3 लाख अभ्यर्थी शामिल होते हैं, जिसमें औसतन एक-एक अंक पर हजारों छात्र अंदर बाहर होते हैं, ऐसी स्थिति में पांच-पांच प्रश्नों को हटा देने से अभ्यर्थियों के भविष्य चौपट हो जाएगा।

संशोधित आंसरसीट आने के बाद भी पांच प्रश्नों पर आपत्ति हैं, इस तरह कुल 10 प्रश्न हैं, जो विवादास्पद श्रेणी में हैं। छात्रों का कहना है कि इन सभी मांगों के संदर्भ में छात्रों ने हजारों की संख्या में मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम से ज्ञापन देकर सरकार रि-एग्जाम की मांग रखी है, अगर इसे नहीं माना गया तो प्रदेशव्यापी स्तर पर सरकार एवं लोक सेवा आयोग के खिलाफ प्रदर्शन होगा। 

ये हैं अभ्यर्थियों की मांगें
1.छात्रों की मांग 2018 MPPSC एग्जाम निरस्त कर फिर से परीक्षा कराई जाए।
2.प्रश्न 100% सही हो तथा आदर्श उत्तर कुंजी भी शत प्रतिशत सही हो ओएमआर की कार्बन कॉपी मिले।
3. प्रारंभिक परीक्षा में मानइस मार्किंग शुरू की जाए। 
4. गलत आंसर शीट के विरुद्ध अभ्यावेदन हेतु प्रमाण प्रस्तुत करने की फ्री सुविधा दी जाए। 
5. इंटरव्यू की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए ताकि पता तो चले कि आखिर कैसे एक छात्र को एक वर्ष 60 नंबर और अगले ही वर्ष 160 मार्क्स प्राप्त हो जाते हैं। 
6. चयन प्रक्रिया को आरटीआई के दायरे में रखा जाए। 
7. मुख्य परीक्षा की कॉपी पहले की तरह मांगने पर डाक द्वारा भेजी जाए। 
8. परीक्षा के बीच में पदों की संख्या न बढ़ाई जाए। लेकिन यहां पर प्रारंभिक परीक्षा के बाद पद बढ़ा दी जाती हैं।

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