भोपाल। मप्र संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा 2013 से लगातार टलती जा रही है। दर्जनों बार तारीखों की घोषणा के बाद भी यह भर्ती नहीं की गई। अब तो संदेह होना लगा है कि सरकार योजनाबद्ध तरीके से इस भर्ती को टालते रहने की रणनीति पर काम कर रही है। उम्मीद थी कि चुनाव से पहले भर्ती जरूर होगी परंतु अब ऐसा होता भी नजर नहीं आ रहा है। इस मुद्दे को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने विधानसभा में उठाया।
प्रश्नोत्तर काल के दौरान सरकार को घेरते हुए बाबूलाल गौर ने कहा कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। शिक्षकों के 45654 पद खाली पड़े हैं जिसे भरा नहीं जा रहा है और जो शिक्षक हैं, उनसे बीएलओ का काम कराया जा रहा है। सरकार शिक्षकों को ही बीएलओ क्यों बनाती है, दूसरे विभागों के कर्मचारियों को इसके लिए क्यों नहीं तैनात किया जाता? इसके लिए उन्होंने आंकड़े भी गिनाए कि कैसे एमपी में शिक्षा का स्तर बाकी राज्यों से कमजोर है?
गौर ने कहा कि शिक्षा को लेकर देश की रिपोर्ट से पता चला है कि एमपी गणित की शिक्षा के मामले में 29वें नम्बर पर और भाषा के मामले में 26 वें नम्बर पर है। जीएडी राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने गौर के सवाल के जवाब में कहा कि शिक्षा व्यवस्था को चौपट नहीं होने दिया जाएगा। कुल मिलाकर सरकार ने सदन में भी नहीं बताया कि संविदा शिक्षक भर्ती होगी या नहीं।