श्री मान न्यूज एडिटर सहाब
भोपल समाचार
महोदय, निवेदन इस प्रकार है कि मैं राजेन्द्र साहू आपको इसलिए यह पत्र लिख रहा हूँ कि मध्यप्रदेश पटवारी परीक्षा 2017 में सरकार ने योग्यताऐं आहर्ताएं स्नातक रखी तथा सीपीसीटी करने के लिए 2 वर्ष का समय अभ्यार्थीयों को दिया गया वह भी ज्वाईनिंग के बाद । तो बता दूं कि 2 साल में तो कोई भी सीपीसीटी कर सकता है। एक साल पहले सरकार ने कहा था कि आगामी पटवारी परीक्षा में सीपीसीटी वालों को ही प्राथमिकता दी जावेगी तथा पटवारी परीक्षा में सीपीसीटी अनिवार्य होगा अत: सरकार की बात को मददेनजर रखते हुए विद्यार्थीयों ने दिन रात मेहनत करके सीपीसीटी की योग्यता प्राप्त की।
अब विद्यार्थी जो हजारों की संख्या में पहले से ही सीपीसीटी करें हुए हैं सरकार ने उन सीपीसीटी केंडिडेटों के लिए कुछ भी प्रावधान नहीं रखा तथा न कोई प्राथमिकता और न कोई बोनस अंक और न कोई आश्वासन। अत: ऐसी सीपीसीटी करने का क्या फायदा ? सीपीसीटी वाले विद्यार्थीयों ने सोचा था कि सीपीसीटी करने के बाद कुछ तो लाभ मिलेगा पर सरकार ने तो अपना वोट बैंक बढाने के लिए हद ही कर दी और पटवारी के लिए योग्यताऐं केवल स्नातक को चुनकर सीपीसीटी पास लोगों के लिए एक ऐसा कंपटिशन खडा कर दिया है जिसे एक आम विद्यार्थी को फाईट कर पाना असंभव सा लगता है। सीपीसीटी पास वाले विद्यार्थीयों ने कडी महनत कर के पटवारी बनने का सपना देखा था उसका क्या ?
अत: सन 2011-12 में जिस प्रकार सविदा शाला शिक्षक की भर्ती के दौरान बीएड तथा डीएड वालों को ही शिक्षक बनने का मौका दिया गया था। उसी प्रकार अब जब पटवारी भर्ती में सीपीसीटी पास वाले अभ्यार्थीयों को ही पटवारी बनने का मौका दिया जाऐ। सीपीसीटी की अनिवार्यता का अनउंसमेट साल भर पहले कर दिया गया था। अत: तभी से सरकार के अनाउंसमेट के अनुसार हजारों विद्यार्थीयों ने केवल सीपीसीटी की तैयारी की तथा आज सीपीसीटी पास अभ्यार्थी पटवारी परीक्षा में अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
क्योंकि आज पटवारी परीक्षा में एमटेक और पीएचडी जैसी डिग्री वाले महान इंसानों ने भी एप्लाई किया है आज पटवारी परीक्षा में एमटेक व एमफिल वाले लोगों से फाईट करना नामुमकिन सा लगता है सरकार को चाहिए कि वह पटवारी के सभी पदों के लिए केवल सीपीसीटी वालों की ही मैरिट बनाई जाए तथा सीपीसीटी वालों से जो पद बच जाऐं केवल उन्हीं पदों पर बिना सीपीसीटी वालों की मैरिट बनाई जाऐ क्योंकि आज पटवारी का 90 प्रतिशत कार्य ऑनलाईन तथा कम्प्यूटर आधारित है तथा इस कार्य को करने के लिए किसी प्रकार के एमटेक तथा पीएचडी केंडिडेट की आवश्यकता नहीं है बस सही से कम्प्यूटर आधारित कार्य में दक्ष होना ही काफी है और आज हम सब जानते हैं कि जो केंडिडेट सीपीसीटी पास है वह इस प्रकार के समस्त कार्य को बडी ही कुशलता के साथ कर सकता है।
अत: जो लोग सीपीसीटी पास हैं तथा पटवारी परीक्षा में पास हो चुके हैं। केवल उन्हीं अभ्यार्थीयों को प्राथमिकता दी जाऐ तथा उनकी सीपीसीटी में लगी कडी मेहनत का फल उन्हें पटवारी परीक्षा में मिलना ही चाहिए। अत: श्रीमान जी से निवेदन है कि पटवारी परीक्षा से संबंधित इस विषय को अपने अखबार में प्रकाशित कर सीपीसीटी पास अभ्यार्थीयों को न्याय दिलवाने में सहायता करने की कृपा करें। इस विषय के अंतर्गत हम राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव श्रीमान अरूण पांडे जी तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान शिवराजसिंह चौहान सहाब को भी पत्र लिखा है जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं आया है ।
अत: महोदय से निवेदन है कि इस प्रकार की रिपोर्ट को जरूर से जरूर प्रकाशित करें और हम हजारों सीपीसीटी पास लोगों के लिए न्याय दिलाने के लिए हमारी मदद करने की कृपा करें ।
संलग्न -
श्रीमान अरुण पांडे जी (प्रमुख सचिव राजस्व विभाग ) तथा शिवराज सिंह चौहान सहाब को भेजा गया लेटर की इमेज
राजेन्द्र साहू
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