राजनीति का शिकार हो गया संविदा कर्मचारियों का आंदोलन, केवल स्वास्थ्य कर्मचारी डटे | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। मप्र संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के बैनर तले बुलाया गया संविदा कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन आंदोलन पहले ही दिन ढेर हो गया। कर्मचारी नेताओं के बीच तनातनी इस कदर चली कि सबको नजर आने लगी। सीएम शिवराज सिंह ने किसी भी मांग को मानने से इंकार कर दिया, बावजूद आंदोलन स्थगित कर दिया गया। बताया गया है कि आयोजकों ने एक दिन के ही इंतजाम किए थे, जबकि कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन के नाम पर बुलाया गया था। सभी संगठन वापस चले गए, अब केवल संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी डटे हुए हैं। 

आपस में भिड़ने की वजह मंच पर बैठने, मुख्यमंत्री से मिलने के लिए अकेले-अकेले जाने, सरकार से मिले हुए एक तथाकथित संघ के जिंदाबाद के नारे लगाने और अनिश्चितकालीन हड़ताल का कहकर बुलाने व अचानक आंदोलन खत्म करने की घोषणा करना बताया जा रहा हैं। हालांकि बाद में स्थिति संभल गई लेकिन प्रदेश के दूर-दराज जिलों से आए कर्मचारियों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मांगों पर कोई तवज्जों नहीं दिया।

जंबूरी मैदान में सुबह 10 बजे से कर्मचारियों का जुटना शुरू हो गया था। दोपहर 12 बजे तक अच्छी-खासी भीड़ जमा हो गई। सरकार के खिलाफ नारेबाजी का दौर शुरू हुआ। कर्मचारियों ने अपनी-अपनी समस्या बताई। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान कुछ कर्मचारी नेताओं ने एक संघ के जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस संघ को सरकार से जुड़ा हुआ संघ माना जाता है, इसके बैनर भी आंदोलन स्थल पर लगे हुए थे। इसको लेकर कर्मचारी भड़क गए। 

उनका कहना था कि इस संघ की वजह से हम 15 सालों से सुविधा और वेतनमान से वंचित है। इस मामले को जैसे-तैसे शांत किया तो कुछ कर्मचारी नेता मंच पर बैठने को लेकर आपस में भिड़ गए। इसके बाद मांगों को लेकर एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने की बात आई। जिसमें कुछ संघों के नेता चले गए और कुछ को तवज्जों नहीं मिली। इसको लेकर जमकर खींचतान हुई।

यहां-वहां की बातें मत करो, साफ-साफ बताओ क्या बातचीत हुई
मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद मंच के अध्यक्ष सौरभ सिंह चौहान कर्मचारियों के सामने आएं। उन्होंने बताया कि चर्चा विफल रही है। इसके बाद वे 15 मिनट तक मांगों को लेकर बात करते रहे। इस बीच कर्मचारी उठकर जाने लगे तो एक कर्मचारी नेता ने कहा कि यहां-वहां की बातें मत करो, साफ-साफ बताओ क्या बातचीत हुई। इसके बाद श्री चौहान ने कहा कि रंगपंचमी तक सरकार के निर्णय की प्रतीक्षा करेंगे, मांगे पूरी नहीं हुई तो होली के बाद जिलों में सरकार के पुतले जलाएंगे।

अंदर की बात
सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल का कहकर बुलाया था और जब तक मांगे पूरी नही हो जाती, तब तक भोपाल नहीं छोड़ने की बात कही थी लेकिन मैदान की अनुमति एक दिन के लिए ली थी, टेंट भी एक ही दिन के लिए लगवाा था। सूत्रों के मुताबिक जब दल मुख्यमंत्री से चर्चा करने पहुंचा तो उन्होंने साफ कह दिया था कि पहले आंदोलन खत्म करो तब चर्चा करेंगे। इससे कर्मचारी नेता दबाव में आ गए और आनन-फानन में आंदोलन स्थगित करना पड़ा।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वापस लौटीः 
इधर दो दिन से शाहजहांनी पार्क में वेतन बढ़ाने व नियमितिकरण की मांग को लेकर पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका बुधवार को वापस लौट गईं हैं। जबकि न्यू बहूउद्देशीय संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी नीलम पार्क में डटे हैं।

आंदोलन शांतिपूर्वक हुआ
आंदोलन शांतिपूर्वक हुआ। बीच में कुछ कर्मचारी तुरंत मांगों के निराकरण को लेकर आक्रोशित हो गए थे जिन्हें शांत कराया गया। आंदोलन एक ही दिन के लिए बुलाया था।
सौरभ सिंह चौहान, अध्यक्ष संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ

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