BJP और RSS कार्यकर्ताओं पर खजाना लुटा दिया, पत्रकारों को कुछ नहीं दिया: नेताप्रतिपक्ष | MP NEWS

भोपाल। नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है कि मध्यप्रदेश शासन के जनसंपर्क संचालनालय, विज्ञापन ऐजेंसी 'माध्यम' एवं ऐसी ही दूसरी कई ऐजेंसियों के जरिए भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं पर सरकारी खजाना लुटा दिया गया। उनके ऐसे प्रकाशनों को लाखों के विज्ञापन दिए गए जो जनता के बीच कभी आए ही नहीं। मप्र के असली पत्रकारों को या तो कुछ नहीं मिला या फिर ना के बराबर दिया गया। सरकार ने कुल 3500 करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें से एक बड़ा हिस्सा उन लोगों को दिया गया जो पत्रकार नहीं थे लेकिन शिवराज सरकार के हिडन ऐजेंडे पर काम कर रहे हैं। 

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने प्रियजनों को बड़े पैमाने पर जो विज्ञापन बांटे हैं, उस पर पर्दा डालने के लिए उस बात को प्रचारित और नौटंकी कर रहे हैं जो सदन की कार्यवाही में ही नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने मांग की अगर सरकार विज्ञापन के मामले में ईमानदार है तो वह उन बाहरी संस्थाओं और एजेंसियों की सूची जारी करें, जिन्हें 140 करोड़ रूपए के विज्ञापन दिए गए हैं।

अजय सिंह ने कहा कि मीडिया के नाम पर सरकार ने भाजपा, आरएसएस कार्यकर्ताओं सहित ऐसे प्रदेश के बाहरी लोगों को विज्ञापन दिए हैं जिनके जरिए यह सरकार और उसमें बैठे लोग अपना हिडन एजेंडा लागू कर रहे हैं। अजय सिंह ने कहा कि डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने ऐसे लोगों को मीडिया के नाम पर उपकृत किया जो उनके हितों को साध रहे हैं। अजय सिंह ने कहा कि विधानसभा में पिछले 4 वर्षों में प्रचार-प्रसार पर खर्च हुए 640 करोड़ रूपए की जो जानकारी दी गई है यह बिल्कुल असत्य है। सरकार ने कुल विज्ञापन पर खर्च छुपाया है। 

उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी है कि पिछले 4 वर्ष में 3500 करोड़ से अधिक प्रचार-प्रसार पर खर्च किया गया है। मैंने राज्यपाल के अभिभाषण पर ही कहा था कि जितनी प्रचार-प्रसार पर राशि इस सरकार ने खर्च की है अगर वह किसानों और गरीबों पर खर्च कर दी होती तो आज प्रदेश की तस्वीर ही कुछ और होती।

अजय सिंह ने कहा आज कर्मचारियों में बेहद असंतोष है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि जिससे आस होती है उससे ही गुहार लगाई जाती है। लेकिन यह गुहार नहीं भयानक असंतोष है। श्री सिंह ने कहा कि जब अध्यापक सिर मुंडवा रहे हो, खून के दिए जला रहे हों, आत्महत्या करने पर उतारू हो, भाजपा को वोट न देने की शपथ ले रहे हो, और कमल का फूल हमारी भूल कह रहे हों, तो यह गुहार नहीं गुबार है जो असंतोष की ज्वाला के रूप में विस्फोट के मुहाने पर है।

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